बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: Updated Sun, 16 Jan 2022 10:39:17 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में जहरीली शराब से 9 लोगों की मौत के बाद सत्ताधारी दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी लगातार नीतीश कुमार को घेर रही है. दूसरी तरफ विपक्षी आरजेडी ने भी बिहार में शराबबंदी कानून फेल होने की बात कही.
राष्ट्रीय जनता दल के पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में जिस तरीके से जहरीली शराब से लगातार मौत हो रही है उसकी जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
शक्ति सिंह यादव ने कहा कि ''पिछले दिनों बिहार में जहरीली शराब से हुई कई मौतों के बाद भी नीतीश कुमार की आंखें नहीं खुली है. बिहार में शराबबंदी पूरी तरीके से ध्वस्त हो चुका है. अनुशासन शराब की आपूर्ति कराने में भूमिका निभा रहा है मगर नीतीश कुमार मानने को तैयार नहीं है. नीतीश कुमार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए.''
वहीं इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. मांझी ने कहा कि 'ना जाने क्यों नीतीश जी समझ नहीं पा रहे, शराबबंदी को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिए हैं. जब पीएम मोदी कृषि कानूनों को वापस ले सकते हैं तो शराबबंदी की समीक्षा क्यों नहीं हो सकती?' इसलिए शराबबंदी की समीक्षा करना जरूरी है. नालंदा, गोपालगंज और कहां नहीं शराब से मौतें हो रही है.