PATNA : बिहार में लॉकडाउन लगाने का असर दिखने लगा है. पिछले कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. बुधवार को राज्य सरकार ने जो ताजा आंकड़ा पेश किया है, वह काफी चौकाने वाला है. यह पूरे बिहार के लिए एक राहत की खबर है. क्योंकि आज 22 दिन बाद प्रदेश में एक दिन में 10 हजार से कम मामले सामने आये हैं. साथ ही आज लगातार 9वें दिन भी पॉजिटिविटी रेट नीचे गिरा है.
बुधवार को राज्य सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक 1 लाख 11 हजार 740 लोगों की जांच में मात्रा 9 हजार 863 लोग पॉजिटिव मिले हैं. इससे पहले पिछले महीने 19 तारीख को 10 हजार से कम मामले सामने आये थे. 19 अप्रैल को मात्र 7 हजार 487 केस मिले थे. इसके बाद से लगातार 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आये. कभी-कभी तो बीच में 15 हजार से भी ज्यादा मामले एक दिन में सामने आये, जिसके बाद सरकार ने एहतियातन लॉकडाउन का एलान कर दिया. क्योंकि नाइट कर्फ्यू लगाने के बावजूद भी मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे थे.
प्रदेश में लॉकडाउन लगाने का पॉजिटिव असर दिख रहा है. माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की चेन प्रदेश में टूट रही है. बुधवार के आंकड़े के मुताबिक राजधानी पटना के लोगों कोभी काफी राहत मिली है. कई दिनों बाद ऐसा हुआ है कि पटना में एक हजार से कम मामले सामने आये हैं. पटना में आज मात्रा 977 मामले सामने आये हैं. जिससे लोगों के चेहरे पर थोड़ी रौनक लौटी है.
राजधानी पटना के अलावा सूबे के मात्र दो जिलों में 500 से अधिक केस सामने आये हैं. नालंदा में 523 और मुजफ्फरपुर में 506 मरीजों की पहचान की गई है. बिहार के तीन जिलों में 400 से अधिक मामले सामने आये हैं. समस्तीपुर में 487, कटिहार में 478 और बेगूसराय में 409 केस मिले हैं. राज्य के सात जिलों में 300 से अधिक मामले सामने आये हैं. वैशाली में 398, गया में 388, सारण में 343, पश्चिम चंपारण में 339, पूर्वी चंपारण में 338, पूर्णिया में 331 और मधुबनी में 317 मरीज मिले हैं.
बिहार राज्य में पॉजिटिविटी रेट नीचे गिरने से लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौटी है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी कि आईसीएमआर और भारत सरकार, कोरोना के उतार-चढ़ाव के आकलन को लेकर लगभग एक सप्ताह के आंकड़ों का एनालिसिस करती है. इसलिए फर्स्ट बिहार की टीम भी एक सप्ताह के आंकड़ों को एकत्रित कर आपको बता रही है कि इस हफ्ते लॉकडाउन और तमाम उपायों के कारण कोरोना प्रदेश में कमजोर पड़ा है. जिससे संक्रमण की चेन टूटी है.
बिहार में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों से कोरोना की पॉजिटिविटी रेट लगातार कम हो रही है. प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 30 अप्रैल को 16.14% था, जो इस महीने 12 मई को घटकर 8.82% हो गया है. फर्स्ट बिहार की टीम ने पिछले 10 दिनों के आंकड़े में देखा कि 3 मई को पॉजिटिविटी रेट 15.70% था. 4 मई को 15.59%, 5 मई को 15.58%, 6 मई को 14.40%, 7 मई को 12.56%, 8 मई को 11.98%, 9 मई 10.31%, 10 मई 10.16% और 11 मई को 9.92 % था. आज के ताजा आंकड़े के मुताबिक बिहार में पॉजिटिविटी रेट नीचे गिरकर 8.82% तक आ गया है. आपको बता दें कि ये आंकड़े प्रतिदिन होने वाले टेस्ट की संख्या और संक्रमितों की संख्या के आधार पर ज्ञात किये गए हैं.
बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ऑडियो सन्देश जारी किया. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि "कोरोना महामारी से राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. जांच बढ़ी है और आधारभूत संरचना की व्यवस्था की गई है. पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच के साथ बिहारवासी कोरोना के खिलाफ इस जंग में सफल होंगे. हौसला और धैर्य बनाए रखें." सीएम नीतीश ने कहा है कि "बिहार में लॉकडाउन शुरू होने के बाद से कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आनी शुरू हुई है. उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर इस बीमारी पर अवश्य विजय प्राप्त करेंगे."
उधर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि "कोरोना से बचाव के लिए आज 18 से 45 साल के लोगों के टीकाकरण के लिए 6 लाख 14 हजार वैक्सीन की डोज पटना पहुँची. इसमें 5 लाख डोज कोविशिल्ड और 1 लाख 14 हजार डोज कोवैक्सिन की है. साथ ही भारत सरकार से 5 लीटर का 92 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर प्राप्त हुआ है. पहले भी राज्य के विभिन्न अस्पतालों और जिला स्वास्थ्य समिति को 5 लीटर का लगभग 2430 और 10 लीटर का लगभग 1500 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर भेजा गया है. फिलहाल राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में लगभग 909 बाइपेप मशीन उपलब्ध है. भारत सरकार से 297 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर पिछले दिनों प्राप्त हुए, जिसे राज्य के विभिन्न जिलों में भेजा गया है."