PATNA : हैरत में डाल देने वाली फर्जीवाड़े की एक कहानी सामने आई है. मामला यूपीएससी यानी देश की सबसे बड़ी परीक्षा में फर्जीवाड़े से जुड़ा है. बेतिया के रहने वाले राजेश कुमार नाम के एक शख्स ने देश की सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया. साल 2007 में आयोजित परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर लिया और डिप्टी कमिश्नर बन गया. सीबीआई ने जब पूरे मामले की जांच की तो हकीकत सामने आ गई.
बेतिया का रहने वाला राजेश कुमार साल 2007 में यूपीएससी एग्जाम पास होकर गया. लेकिन सर्टिफिकेट में हेराफेरी करके सर्टिफिकेट में हेराफेरी के जरिए राजेश नवनीत कुमार बन गया और फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर वह आईआरएस की परीक्षा पास कर सेंट्रल जीएसटी के कार्यालय में डिप्टी कमिश्नर हो गया. पटना में मुख्य कमिश्नर के कार्यालय में डिप्टी कमिश्नर बनकर नवनीत अपनी सेवा दे रहा था. इसका खुलासा सीबीआई ने अपनी जांच में किया है. सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि पश्चिम चंपारण के बेतिया के रहने वाले राजेश कुमार और डिप्टी कमिश्नर बना नवनीत कुमार एक ही व्यक्ति है. राजेश कुमार ने जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हेराफेरी कर खुद को नवनीत कुमार बना लिया.
इस मामले में जब सीबीआई को शिकायत मिली तो साल 2019 में जालसाजी धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच की शुरुआत की गई. सीबीआई ने इस मामले में जांच पूरा करते हुए 30 जुलाई को पटना सीबीआई कोर्ट में राजेश उर्फ नवनीत कुमार उर्फ बबलू के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है. इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने अलग-अलग अपराधिक धाराओं के तहत संज्ञान लिया.
कोर्ट ने इस मामले में आरोपित राजेश कुमार उर्फ नवनीत कुमार को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए समन जारी करने का निर्देश भी दिया है. सीबीआई ने जो जांच की है, उसमें पाया गया है कि राजेश कुमार पिता जय नारायण शर्मा पश्चिम चंपारण के बेतिया का रहने वाला है और जवाहर नवोदय विद्यालय में 1987 में उसने पढ़ाई की. उसके जन्म प्रमाण पत्र में 5 दिसंबर 1974 है. राजेश ने एक अपराधिक साजिश के तहत जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक प्रमाण पत्र में किया और यूपीएससी की परीक्षा 2007 में आईआरएस क्वालीफाई कर लिया और सेंट्रल जीएसटी में डिप्टी कमिश्नर बन बैठा.