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1st Bihar Published by: Updated Fri, 12 Jun 2020 06:19:52 AM IST
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PATNA : विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे नीतीश कुमार इन दिनों हर रोज अपनी उपलब्धियां गिनवा रहे हैं. लेकिन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की रैकिंग ने बिहार में शिक्षण संस्थानों की पोल खोल दी है. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने 10 कैटगरी में देश के टॉप 100 शिक्षण संस्थानों की सूची जारी की है. इसमें कहीं बिहार सरकार का कोई शिक्षण संस्थान शामिल नहीं है. हालांकि इस सूची में बिहार का पटना आईआईटी और एनआईटी शामिल है लेकिन दोनों केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्थान हैं.
नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट फेल
दरअसल 2005 में बिहार में सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने तकनीकी और उच्च शिक्षा में सुधार के लिए अपने कुछ ड्रीम प्रोजेक्ट को लागू किया था. नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में पटना में चाणक्या नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और चंद्रगुप्त इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट की स्थापना की गयी. बिहार सरकार ऐसे संस्थानों पर हर साल करोडो रूपये खर्च करती है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से जारी टॉप शिक्षण संस्थानों की सूची में नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट शामिल नहीं हैं.
बिहार के अधिकांश यूनिवर्सिटी ने आवेदन ही नहीं किया
दरअसल केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय हर साल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के तहत देशभर के शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी करती है. प्रमुख शिक्षण संस्थान और यूनिवर्सिटी इस रैंकिग में जगह पाने के लिए आवेदन करती हैं. लेकिन बिहार के ज्यादातर संस्थानों ने आवेदन ही नहीं किया. बिहार के सबसे प्रमुख विश्वविद्यालय पटना यूनिवर्सिटी समेत किसी दूसरी यूनिवर्सिटी ने इस रैंकिंग में स्थान पाने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सूची के अनुसार राज्य के 35 सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों ने ही रैंकिंग के लिए आवेदन किया है.
बिहार के इन संस्थानों ने किया था आवेदन
देश के टॉस संस्थानों में स्थान बनाने के लिए पटना के एएन कॉलेज, दरभंगा के सीएम कॉलेज, आरा के जगजीवन कॉलेज, पूर्णिया के विद्या विहार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने आवेदन किया था. लेकिन किसी को केंद्र सरकार की सूची में जगह नहीं मिला.
पटना आईआईटी भी पिछली रैंकिग से फिसला
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने गुरुवार को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क-2020 के तहत देशभर के शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग जारी कर दी. 10 कैटेगरी में तीन में ही बिहार के दो इंजीनियरिंग संस्थान जगह बना पाये. हालांकि दोनों केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्थान हैं. बिहार में आईआईटी पटना की रैंकिंग सबसे बेहतर रही है लेकिन पिछली रैंकिंग से ये संस्थान भी फिसल गया. इस साल पटना आईआईटी ने 26वीं रैंक प्राप्त की है लेकिन ये पिछले साल की तुलना में चार स्थान पीछे है. 2019 में तकनीकी शिक्षण संस्थानों में आइआइटी पटना की रैंक 22 थी.
उधर पटना एनआईटी की की रैंकिंग में 44 स्थान का सुधार हुआ है. देश के इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थानों की सूची में 2019 में यह 134वें स्थान पर था. इस बार इंजीनियरिग शिक्षण संस्थानों में यह 92वें स्थान पर है.
वैसे शिक्षण संस्थानों की ओवरऑल कैटेगरी में आइआइटी पटना 54वें स्थान पर है जबकि पिछले साल यह 58वें स्थान पर था. इस साल एनआइटी पटना ने भी ओवरऑल कैटेगरी में टॉप 200 संस्थानों की सूची में जगह बना ली है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रैंकिंग इस साल 10 कैटेगरी में जारी की गई. इसमें बिहार के दो शिक्षण संस्थान 'ओवरऑल' और 'इंजीनियरिग' श्रेणी में ही जगह बना सके हैं. हालांकि दोनों केंद्र सरकार द्वारा संचालित संस्थान हैं. वहीं विश्वविद्यालय, मैनेजमेंट, फॉर्मेसी, कॉलेज, मेडिकल, लॉ, आर्किटेक्चर तथा डेंटल कैटेगरी में बिहार का एक भी संस्थान शामिल नहीं हैं.