PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून लगने के बाद अब शराब पीना छोड़ने वालों का अध्ययन होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसका निर्देश समीक्षा बैठक में पदाधिकारियों को दिया है. उन्होंने कहा कि पहले कराये गये सर्वे से पता चला था कि 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराबबंदी के बाद शराब पीनी छोड़ दी है. फिर से इसका आकलन करायें कि अब इनकी संख्या कितनी बढ़ी है.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को एक अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में शराबबंदी के क्रियान्वयन से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और कई निर्देश दिये. कहा कि ड्रोन, मोटर बोट, स्वान दस्ता आदि की मदद से छापेमारी कार्य को योजनाबद्ध ढंग से अंजाम देते रहें, ताकि कोई भी धंधेबाज बच नहीं पाये. थानों द्वारा शराबबंदी को लेकर की जा रही कार्रवाई का निरंतर मॉनिटरिंग करते रहें. साथ ही उन्होंने गड़बड़ी करने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारी पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
समीक्षा बैठक में नीतीश का फरमान
नीतीश ने सोमवार को शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक की थी. बिहार में मीडिया का एक तबका काफी दिनों से अटकलें लगा रहा था कि शराबबंदी कानून में ढील दी जायेगी. जब सीएम की बैठक थी तो कयास लगाये जा रहे थे कि इसमें ही शराबबंदी कानून में परिवर्तन पर फैसला लिया जायेगा. लेकिन नतीजा उल्टा आया. नीतीश ने अपने अधिकारियों को कहा कि किसी सूरत में शराबबंदी में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाये. मुख्यमंत्री ने कहा-शराबबंदी कानून को अमल में लाने में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने छोड़ दी शराब
नीतीश ने अपने अधिकारियों को कहा कि सर्वे में ये बात आ चुकी है कि शराबबंदी के बाद बिहार के 1 करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड दिया है. तभी शराबबंदी के बाद बिहार में दूध, सब्जी, मिठाई और फल की खपत बढ गयी है. नीतीश ने अपने अधिकारियों को कहा कि वे फिर से सर्वे करायें कि अब कितने और लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है.
पुलिस पर लगाम कस कर रखें
नीतीश कुमार ने सूबे के अधिकारियों को कहा कि वे पुलिस पर खास निगरानी रखें. थानों द्वारा शराबबंदी को लेकर की जा रही कार्रवाई की लगातार निगरानी करते रहें. जो भी गड़बड़ी करे उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये.