बिहार में PFI ने शुरू किया खेल, डिप्टी सीएम के शहर में DM-SP ऑफिस के सामने लगाया विवादित पोस्टर, प्रशासन खामोश

बिहार में PFI ने शुरू किया खेल, डिप्टी सीएम के शहर में DM-SP ऑफिस के सामने लगाया विवादित पोस्टर, प्रशासन खामोश

PATNA : बिहार में बीजेपी के राज में अतिवादी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI ने अपना खेल शुरू कर दिया है. पीएफआई ने सीधे बिहार के डिप्टी सीएम को चुनौती दी है. डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के क्षेत्र कटिहार में डीएम और एसपी के दफ्तर के बाहर PFI ने विवादित पोस्टर चिपकाये हैं. प्रशासन का हाल ये है कि कार्रवाई की बात तो दूर रही, कोई कुछ बोलने से भी परहेज कर रहा है.


बाबरी मस्जिद को लेकर लगाया पोस्टर
कटिहार में कई जगहों पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की ओर से विवादित पोस्टर लगाए गए हैं. इन पोस्टरों में बाबरी मस्जिद को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई है. मुसलमानों को कहा गया है कि वे  6 दिसंबर के दिन को भूल न जाएं.  इन पोस्टरों में बाबरी मस्जिद की तस्वीर भी है. पीएफआई ने ऐसे पोस्टर कटिहार समाहरणालय के साथ साथ एसपी कार्यालय और डीएम के दफ्तर के बाहर भी लगाया है.


प्रशासन ने हाथ और होंठ बंद किया
डीएम-एसपी के दफ्तर के सामने लगे आपत्तिजनक पोस्टर पर प्रशासन का कोई नुमाइंदा कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. कार्रवाई की बात तो दूर रही, कटिहार के एसपी इस मामले में कुछ बोलने से परहेज कर गये. खबर लिखे जाने तक इस मामले में कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गयी थी.


गौरतलब है कि 6 दिसंबर को ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वहां मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है. लेकिन पीएफआई मुसलमानों से उस दिन को नहीं भूलने का आह्वान कर रहा है. जानकार बताते हैं कि हालिया दिनों में पीएफआई ने सीमांचल के कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज से लेकर कई और जिलों में अपनी पैठ बढ़ायी है. उसका असर दिखने लगा है.


ED ने की थी छापेमारी
दो दिन पहले ही बिहार के दरभंगा और पूर्णिया में PFI से जुड़े लोगों के घरों और दफ्तरों पर प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की थी. प्रवर्तन निदेशालय ने ये छापेमारी CAA, NRC के खिलाफ देश भर में हुए विरोध प्रदर्शनों में विदेशी फंडिंग को लेकर की गई थी. आरोप ये है कि पीएफआई ने विदेशों से पैसा मंगवा कर CAA, NRC के खिलाफ प्रदर्शन को प्रायोजित किया.


ईडी ने दरभंगा में PFI के जनरल सेक्रेटरी मो. सनाउल्लाह के घर पर छापेमारी की थी. वहीं, पूर्णिया के राजाबाड़ी स्थित PFI के दफ्तर पर भी ED की टीम ने धावा बोला था. इन दोनों जगहों पर PFI के कार्यकर्ताओं ने ED की छापेमारी के दौरान हंगामा किया था. दरभंगा में ED के अधिकारियों की गाड़ी का काफी देर तक घेराव भी किया गया था. पीएफआई समर्थकों ने पूर्णिया में समाहरणालय के सामने धरना प्रदर्शन भी किया था.


क्या है पीएफआई
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक उग्र इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है जिसका गठन 2006 में किया गया था.  इस संगठन से दूसरे कट्टरवादी सोच रखने वाले संगठन भी जुड़ते चले गए. मौजूदा वक्त में पीएफआई का असर 16 राज्यों में है और 15 से ज्यादा मुस्लिम संगठन इससे जुड़े हुए हैं. केंद्र सरकार ने जब CAA लागू किया तो देश के कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन हुए. जांच में पाया गया कि इसके पीछे पीएफआई की भूमिका थी, जो विदेश से पैसा मंगवा कर उत्पातियों की फंडिग कर रहा था. उस दौरान यूपी और असम में हिंसक प्रदर्शनों में शामिल रहने से पहले भी यह संगठन कई तरह की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल रहा है.


झारखंड में प्रतिबंधित है पीएफआई
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया  को पिछले ही साल झारखंड में प्रतिबंधित किया गया था. राज्या सरकार ने इस संगठन के राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत के बाद ये फैसला लिया था. इतना ही नहीं,  झारखंड सरकार ने ये भी माना था कि पीएफआई एक ऐसा संगठन है जो आतंकवादी संगठन आईएस से प्रभावित है.