CHHAPRA: गंगा के रास्ते सैलानियों को वाराणसी से डिब्रूगढ़ घुमाने के लिए निकले दुनिया के सबसे लंबे क्रूज गंगा विलास को बिहार में गाद की समस्या से सामना करना पड़ा। सोमवार की सुबह सैलानियों को लेकर सारण पहुंचा गंगा विलास क्रूज किनारे तक नहीं पहुंच सका और डोरीगंज के पास गंगा के गाद में फंस गया। जिसके बाद वहीं लंगर लगाकर छोटे जहाजों के जरीए सैलानियों को सारण के चिरांद तक लाकर पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण कराया गया। क्रूज पर सवार सैलानियों को चिरांद का भी भ्रमण करना था, लेकिन तट से कुछ दूर पहले ही गाद के कारण क्रूज अटक गया था।
क्रूज के गंगा में अटकने के बाद छोटे-छोटे मोटर बोट के जरीए विदेशी सैलानियों को गंगा के किनारे तक लाया गया। जहां गाजे बाजे के साथ सैलानियों का स्वागत हुआ। चिरांद के पुरातात्विक अवशेषों को देखने के बाद फिर छोटे मोटर बोट के जरीए सैलानियों को वापस गंगा विलास क्रूज तक पहुंचाया गया। बताया जा रहा है कि गंगा नदी में पानी कम रहने के कारण क्रूज अटक गया था। आशंका जताई जा रही है कि बिहार में गंगा नदी में गाद के कारण इस विशाल क्रूज को और जगहों पर भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि गंगा विलास क्रूज 3210 किलोमीटर का सफर लगभग 51 दिनों में तय करेगा। अलग-अलग शहरों में इसका लगभग 50 जगहों पर ठहराव होगा। क्रूज को वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बक्सर, छपरा, पटना, मुंगेर और भागलपुर के सुल्तानपुर, बंगाल से बांग्लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ तक जाना है। दो महीने के लंबे सफर के दौरान क्रूज भारत और बांग्लादेश की 27 नदियों से होकर गुजरेगा। इस आलीशान गंगा विलास क्रूज में सुख-सुविधा की हर चीज मौजूद है। इस आलीशान क्रूज में स्विटिजरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद ले रहे हैं।