बिहार में खनन विभाग के बड़े अधिकारी करा रहे बालू तस्करी, जमुई में पकड़ा गया बड़ा मामला, एक मंत्री के करीबी हैं ऑफिसर

बिहार में खनन विभाग के बड़े अधिकारी करा रहे बालू तस्करी, जमुई में पकड़ा गया बड़ा मामला, एक मंत्री के करीबी हैं ऑफिसर

PATNA: बिहार में जब से बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ सरकार बनायी है तब से बालू माफियाओं को ठिकाने लगाने का एलान किया जा रहा है. लेकिन हकीकत ये है कि खनन विभाग के बड़े अधिकारी ही बालू तस्करी करा रहे हैं. बालू तस्करी के केंद्र बने जमुई जिले में खनन विभाग के अधिकारियों का खेल सामने आया है. डीएम और एसपी के कारण पूरा मामला पकड़ में आया है. डीएम ने दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है लेकिन कार्रवाई होने की संभावना कम ही दिख रही है. चर्चा ये है कि खनन पदाधिकारी एक मंत्री के करीबी हैं, लिहाजा उनकी करतूत पर पर्दा डाल दिया जायेगा.


ओवरलोडेड ट्रकों को दे दी क्लीन चिट

मामला बालू लदे ओवरलोडेड ट्रकों को छोड़ने का है. दरअसल जमुई जिले के मलयपुर थाना क्षेत्र में पिछले 21 जनवरी को बालू ले जा रहे ट्रकों पर छापेमारी हुई थी. सरकार की टीम ने बालू लाद कर ले जा रहे ट्रकों के चालान की जांच की थी. पता चला कि सातों ट्रक में चालान से काफी ज्यादा बालू लादा गया है. सारे ट्रकों को जब्त कर थाने में लगा दिया गया. 


इस वाकये के बाद जिला खनन पदाधिकारी का खेल सामने आया. जमुई के जिला खनन पदाधिकारी ने ट्रकों की जब्ती के तीन दिन बाद  24 जनवरी को चालान के अनुरूप ही बालू लोड होने का सर्टिफिकेट देते हुए ट्रकों को रिलीज करने का आदेश दे दिया. जिन ट्रकों को जब्ती के समय चालान से काफी ज्यादा बालू लाद कर जाते पकड़ा गया था उसे तीन दिन में क्लीन चिट दे गयी.


पुलिस ने लिया एक्शन

जिला खनन पदाधिकारी ने बालू माफियाओं के सारे ट्रकों को छोड़ने का आदेश दे दिया था. लेकिन ट्रकों को परिवहन विभाग से एनओसी मिलने के बाद ही छोड़ा जाना था. इस प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लग गया. इस बीच स्थानीय पुलिस ने एसपी को मामले की जानकारी दी. मामला प्रशासनिक था, लिहाजा एसपी ने ये जानकारी डीएम को दी. डीएम ने जिला खनन पदाधिकारी की क्लास लगाते हुए सारे ट्रकों की फिर से जांच करायी. 6 ट्रक ओवरलोडेड पाये. उन पर भारी जुर्माना किया. 


खनन पदाधिकारी की करतूत

जमुई के जिला खनन पदाधिकारी ने जिन ट्रकों पर चालान से ज्यादा बालू नहीं होने की क्लीन चिट दी थी, उनसे 17 लाख रूपये का जुर्माना वसूला गया है. डीएम के आदेश पर हुई जांच के बाद ट्रक मालिकों को जुर्माना की रकम जमा करने का डिमांड भेजा गया. छह ट्रकों को छुड़ाने के लिए उसके मालिकों ने लगभग 17 लाख रुपये का जुर्माना भरा है. इसके बाद थाने से ट्रकों को छोड़ा गया. 


जिला खनन पदाधिकारी ने जिन ट्रकों को क्लीन चिट दिया था, उनकी जांच में सारी कलई खुली है. ट्रक नंबर CJ04HS-4918 पर चालान से 1.59 टन ज्यादा बालू लोड था. ट्रक मालिक पर 2 लाख 72 हजार 788 रुपए का जुर्माना किया गया. ट्रक नंबर BR46-5193 पर चालान से 1.55 टन अधिक बालू पाया गया और उस पर 2 लाख 84 हजार 600 रुपये का जुर्माना किया गया. ट्रक नंबर BR46G-9508 पर 2.51 टन ज्यादा बालू पाया गया. इस ट्रक पर 3 लाख 3 हजार 838 रुपये का जुर्माना किया गया. वहीं, ट्रक नंबर NL01L-6771 पर चलान से 2.85 टन ज्यादा बालू था और उस पर 2 लाख 77 हजार 850 रुपए का जुर्माना किया गया. 


चर्चा ये है कि जिला खनन पदाधिकारी ने डीएम की सख्ती के बाद ट्रकों पर कार्रवाई तो की लेकिन जुर्माना लगाने में भी गड़बड़ी की. 1.59 टन ज्यादा लोड बालू वाले ट्रक को 2,72,788 रुपये का जुर्माना लगाया गया जबकि 1.55 टन अधिक बालू का जुर्माना 2,84,000 किया गया. इसी तरह 2.51 टन ज्यादा बालू पाए जाने पर 3,03,838 और 2.85 टन ज्यादा बालू वाले ट्रक को 2,77,850 का जुर्माना किया गया. चर्चा ये है कि जुर्माना लगाने में भी बड़ी गड़बड़ी की गयी. 


क्या दोषी अधिकारी पर कार्रवाई होगी?

जाहिर है इस वाकये से बालू तस्करी में खनन पदाधिकारी के मेलजोल का खेल उजागर हो गया है. लेकिन सवाल ये है कि क्या ऐसे अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी. जमुई में चर्चा आम है कि खनन पदाधिकारी के बेहद करीबी ताल्लुकात एक मंत्री से हैं. ऐसे में उन के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना कम दिख रही है. हालांकि जमुई के डीएम राकेश कुमार ने मीडिया को बताया है कि ओवरलोडेड बालू ट्रक को छोड़ने के खेल की विस्तृत रिपोर्ट के साथ खनन पदाधिकारी के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की अनुशंसा खान और भूतत्व विभाग को भेजी गई है.