एक तो शराबबंदी कानून का वर्क लोड ऊपर से कोर्ट में जजों की कमी, बिहार में खाली हैं सबसे ज्यादा पद

एक तो शराबबंदी कानून का वर्क लोड ऊपर से कोर्ट में जजों की कमी, बिहार में खाली हैं सबसे ज्यादा पद

PATNA : बिहार में नीतीश सरकार की तरफ से लागू किए गए शराबबंदी कानून की वजह से न्यायपालिका पर लगातार दबाव की बात कही जा रही है. सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले में संज्ञान ले चुका है. एक तरफ शराबबंदी कानून लागू होने के बाद कोर्ट के ऊपर जहां वर्क लोड बढ़ा है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में जजों की भारी किल्लत है. 


देशभर के जो आंकड़े सामने आए हैं वह बताते हैं कि बिहार के कोर्ट में सबसे ज्यादा पद खाली हैं. बिहार के बाद मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर और उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 189 मध्यप्रदेश में 186 और उत्तर प्रदेश में 47 अदालतों में जज नहीं है.


राज्य के अंदर अलग-अलग जिलों में अगर जजों की कमी के आंकड़ों पर नजर डालें तो भागलपुर में सबसे ज्यादा 10 कोर्ट ऐसे हैं जो खाली हैं. इसके अलावे अररिया में 6, जमुई में 6, खगड़िया में 2 कोर्ट खाली है. इसके अलावा किशनगंज, बांका, सुपौल, मधेपुरा, मुंगेर और लखीसराय में भी कोर्ट जजों के बगैर हैं. यह आंकड़े ई कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट से लिए गए हैं और केवल पूर्वी बिहार के आंकड़े ही इस पर जारी किए गए हैं. बाकी जिलों की स्थिति के बारे में अलग से जानकारी उपलब्ध नहीं है.


इतना ही नहीं बिहार में सबसे ज्यादा कोर्ट बंद भी हुए हैं. बिहार में कुल 76 कोर्ट ऐसे हैं जिन्हें बंद किया जा चुका है. जजों की कमी के कारण देशभर में 234 कोर्ट बंद किए गए हैं. इन अदालतों में 9000 से ज्यादा मामले चल रहे थे, जिन्हें दूसरे कोर्ट में शिफ्ट किया गया है. बिहार के जिन 76 कोर्ट को बंद किया गया उनमें 175 केस चल रहे थे. बिहार के मुकाबले यूपी में केवल एक कोर्ट ही बंद किया गया है.