PATNA : बिहार सरकार ने कोरोना के मामलों के तेजी से गिरावट को देखते हुए अनलॉक 5 की गाइडलाइन का एलान करते हुए सभी स्कूलों को खोलने का आदेश दे दिया है. नीतीश सरकार ने अलग-अलग चरणों में स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है. सरकार की ओर से जारी अनलॉक5 की गाइडलाइन के मुताबिक, 7 अगस्त से 9वीं और 10वीं के स्कूल खोले जाएंगे. इसके साथ ही सरकार ने स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करने का भी निर्देश दिया है.
बिहार के सरकारी और निजी स्कूलों में 9वीं और 10वीं की कक्षाएं 7 अगस्त यानी शनिवार से शुरू जाएंगी. 16 अगस्त से पहली से आठवीं तक के स्कूल भी खुलने वाले हैं. सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार शनिवार से कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए नौवीं और दसवीं की कक्षाओं का संचालन शुरू हो जाएगा. सरकार ने कई तरह की पाबंदियां अभी जारी रखने का फैसला लिया है. इसके लिए विस्तृत गाइडलाइन पहले ही जारी कर दी गई है.
नई गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में वही शिक्षक पढ़ा सकेंगे, जिन्होंने कोरोना का टीका ले लिया है. सभी संस्थानों के प्रधान यह सुनिश्चित करेंगे कि जो शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी टीका ले चुके हैं, उन्हें ही संस्थान में कार्य करने की अनुमति हो. वहीं मिड-डे मील योजना का संचालन अभी बंद रहेगा.
स्कूलों में अभी 50-50 फीसद छात्रों को रोटेशन के आधार पर एक दिन के अंतराल पर बुलाया जाना है. शिक्षा विभाग का निर्देश है कि छात्र-छात्राओं को ही छह फीट की दूरी पर बैठाया जाए और मास्क निश्चित तौर से प्रयोग किए जाएं. सरकार ने एकेडमिक कैलेंडर को सभी कक्षाओं से संबंधित परीक्षा के लिए योजनाबद्ध करने का भी निर्देश दिया है.
विभाग ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से शिक्षण व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी. स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान परिसर की कक्षा, फर्नीचर, उपकरण, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचेन, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी आदि की सफाई संस्थानों के खोलने के पहले की जाएगी. खासकर शौचालयों की सफाई पर ध्यान दिया जाएगा. संस्थानों में हाथ की सफाई की सुविधा अनिवार्य होगी. डिजिटल थर्मामीटर, सैनेटाइजर, साबुन आदि की व्यवस्था की जाएगी. स्कूलों और संस्थानों में एक टास्क टीम का गठन किया जाएगा, जो साफ-सफाई और सैनेटाइजेशन आदि पर नजर रखेगी.
संस्थानों के नजदीक स्थल पर स्वास्थ्य परीक्षक, नर्स, चिकित्सक और काउंसिलर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जो छात्रों की शारीरिक और मानसिक स्थिति की जांच के लिए उपलब्ध होंगे. बाहरी वेंडर को स्कूल-कॉलेज परिसर में खाद्य सामग्री की बिक्री पर रोक रहेगी. बीमारी संबंधी छुट्टी की नीति को लचीला बनाया जाए, ऐसे आवेदन पर उन्हें घर में ही रहने की अनुमति दी जाए.