PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में शराबबंदी को लेकर बड़े सख्त रहे हैं। शराबबंदी लागू करने के बाद नीतीश कुमार के एजेंडे में सबसे ऊपर यही कानून रहा। लगातार शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए नीतीश ने एक के बाद एक कई फैसले किए लेकिन पिछले दिनों इस कानून में जो बदलाव किया गया उसके बाद शराबी जुर्माना देकर छूट रहे हैं। बिहार में शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार लोगों का जो नया आंकड़ा सामने आया है उसके मुताबिक बड़े पैमाने पर शराबियों को जुर्माना देने के बाद रिहा किया गया।
बिहार में 1 अप्रैल 2022 को शराबबंदी कानून में संशोधन किया गया था। इस संशोधन के लागू होने के बाद पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गए लोगों को जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान है और इसका असर भी अब दिखने लगा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के अंदर अब तक 15000 से ज्यादा लोगों को स्पेशल कोर्ट की तरफ से जुर्माना भरने पर छोड़ दिया गया। सरकार ने शराबियों से जुर्माने के तौर पर तकरीबन चार करोड़ रुपए वसूले हैं। कानून में बदलाव होने के बाद जुर्माने पर छूटने वाले लोगों की कुल संख्या 13391 रही है, जबकि ऐसे 1289 लोग भी जुर्माना देकर छूटे हैं जो कानून में बदलाव होने के पहले पकड़े गए थे। हालांकि शराब पीने के मामले में पहली बार पकड़े गए 774 ऐसे आरोपी जो जुर्माना नहीं दे पाए उन्हें एक महीने की सजा काटनी पड़ी है। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि हर महीने शराब पीने के मामले में पकड़े गए लोगों को छोड़ने की संख्या बढ़ रही है। संशोधित कानून लागू होने के बाद धारा 37 के तहत अप्रैल में पकड़े गए लोगों की संख्या 3000 से ज्यादा पाई गई है।
विभागीय आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2022 में धारा 37 के तहत कुल 3075 लोगों में से 1942 को तकरीबन 52 लाख रुपए जुर्माना लेकर छोड़ा गया। मई 2022 में 5827 से लोगों में से 4747 को एक करोड़ 39 लाख रुपए जुर्माना वसूल कर छोड़ा गया जबकि जून महीने में 8651 में से 6702 लोगों को दो करोड़ 60 लाख जुर्माना लेकर छोड़ा गया। इसके अलावा 1 अप्रैल से पहले शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किए गए 45 लोगों को भी जुर्माना नहीं देने के कारण सजा काटनी पड़ी है। आपको बता दें कि शराबबंदी कानून में धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े गए लोगों को शपथ पत्र के साथ 2 से 5 हजार रुपए जुर्माना देकर छोड़ने का प्रावधान है।