खतरनाक: बिहार में एक दिन में मिले ब्लैक फंगस के 34 मरीज, सूबे में कुल 100 से ज्यादा में अब तक इस बीमारी की पहचान

खतरनाक: बिहार में एक दिन में मिले ब्लैक फंगस के 34 मरीज, सूबे में कुल 100 से ज्यादा में अब तक इस बीमारी की पहचान

PATNA : बिहार में कोरोना से ठीक हो रहे मरीजों में ब्लैक फंगस बहुत तेजी से पैर पसार रहा है. अब तक इस खतरनाक बीमारी के 100 से ज्यादा मरीजों की पहचान हो चुकी है. सिर्फ बुधवार को पटना के सरकारी अस्पतालों में 34 मरीज ब्लैक फंगस की जांच औऱ इलाज कराने पहुंचे. पटना में दो सरकारी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के इलाज की व्यवस्था है जहां बडी तादाद में मरीज पहुंच रहे हैं.

100 से ज्यादा मरीजों की अब तक पहचान

गौरतलब है कि बिहार में अब तक ब्लैक फंगस के 100 से ज्यादा मरीजों की पहचान की गयी है. दो दिन पहले मंगलवार को पटना के अस्पतालों में इस बीमारी के शिकार बने 20 मरीज पहुंचे थे. वहीं उससे पहले 50 मरीजों की पहचान की जा चुकी थी. बुधवार को ब्लैक फंगस की जांच और इलाज कराने आये मरीजों में स 16 को पटना एम्स औऱ आईजीआईएमएस में भर्ती कर लिया गया है. 

सरकारी सूत्रों के मुताबिक बुधवार को पटना एमस में ब्लैक फंगस के 24 मरीज पहुंचे. एम्स के डॉक्टरों ने उनमें से 7 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर लिया है. वहीं बाकी 15 मरीजों को दवा देने के साथ साथ कुछ औऱ जांच कराने को कहा गया है.

उधर राज्य सककार ने आईडीआईएमएस को ब्लैक फंगस के लिए सेंटर फॉर एक्सलेंस घोषित किया है. बुधवार को वहां 9 मरीज पहुंचे जिन्हें इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया है. संस्थान के अधीक्षक मनीष मंडल ने बताया कि जब से यहां ब्लैक फंगस के इलाज का इंतजाम किया गया है तब से बड़ी तादाद में मरीज पहुंच रहे हैं. पहले से यगहां 22 मरीज भर्ती थे. बुधवार को 9 और को भर्ती किया गया है. उनके मुताबिक अस्पताल में भर्ती मरीजों में से 7 का ऑपरेशन किया जा चुका है.  वहीं तीन औऱ मरीजों के ऑपरेशन की तैयारी की जा रही है. 

उधर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी ब्लैक फंगस के मरीज पहुंच रहे हैं. बुधवार को वहां पहुंचे मरीज को एम्स में ऑपरेशन की सलाह दी गयी है.

निजी क्लीनिकों में भी पहुंच रहे मरीज

ब्लैक फंगस के कई मरीज निजी क्लिनिक में भी पहुंच रहे हैं. पटना के एक नेत्र रोग विशेषज्ञ ने बताय़ा कि बुधवार को उनके पास तीन मरीज पहुंचे जिनकी आखों की रोशनी कम होने, आंखों में लालिमा होने, सूजन औऱ डबल विजन जैसी शिकायत थी. उन्हें आईजीआईएमएस या एम्स में जाने की सलाह दी गयी.