Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी बेतिया में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका
1st Bihar Published by: Updated Sat, 09 Oct 2021 04:42:44 PM IST
                    
                    
                    - फ़ोटो
PATNA : बिहार सरकार ने छोटे बिजलीघरों को बंद करने का निर्णय लिया है. सूबे को लंबे अरसे से बिजली देने वाले दो यूनिट एनटीपीसी बंद करने की तैयारी में है. कांटी और बरौनी थर्मल प्लांट बंद करने से बिहार में बिजली की समस्या और भी ज्यादा गहरा जाएगी. इस मुद्दे को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि डबल इंजन सरकार से बिहार को ट्रिपल नुकसान हो रहा है.
बिहार में 110 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने वाली दो इकाइयों कांटी और बरौनी थर्मल प्लांट को एनटीपीसी द्वारा बंद किये जाने के एलान के बाद सियासत गर्म हो गई है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट कर बिहार सरकार पर निशाना साधा और लिखा कि "बिहार में बिजली दर देश में सबसे अधिक होने के बावजूद सरकार की नाकामियों के चलते आगामी दिनों में बिजली संकट गहराएगा. डबल इंजन सरकार कांटी और बरौनी के बिजलीघर भी बंद कर रही है. डबल इंजन सरकार से बिहार को ट्रिपल नुकसान हो रहा है और हर क्षेत्र में ट्रबल ही ट्रबल."
गौरतलब हो कि कांटी की दोनों इकाईयों से बिहार को 220 मेगावाट बिजली मिल रही थी, जिसे इसी महीने से बंद कर दिया गया है. वहीं बरौनी में भी 110 मेगावट की दो इकाई से बिजली कंपनी जल्द ही बिजली लेने के करार को समाप्त करने वाली है. एनटीपीसी के अधिकारियों के मुताबिक पुरानी इकाई होने के कारण उत्पादन में अधिक कोयला लग रहा था, साथ ही साथ बिजली का उत्पादन लागत बढ़ता जा रहा था. इसी वजह से इन इकाइयों को बंद करने का फैसला किया गया है.
एनटीपीसी की माने तो इन इकाइयों से प्रदूषण भी फैल रहा है. लिहाजा कांटी और बरौनी की दोनों पुरानी इकाइयों को बंद करने का निर्णय लिया गया. हालांकि एनटीपीसी का दावा है कि राज्य में इससे बिजली की कोई कमी नहीं पैदा होगी. अधिकारियों के मुताबिक नवीनगर में नई बिजली इकाई चालू हो रही है और इससे भी लोगों को बिजली मिल पाएगी.
बिहार में बिजली दर देश में सबसे अधिक होने के बावजूद सरकार की नाकामियों के चलते आगामी दिनों में बिजली संकट गहराएगा। डबल इंजन सरकार कांटी और बरौनी के बिजलीघर भी बंद कर रही है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 9, 2021
डबल इंजन सरकार से बिहार को ट्रिपल नुकसान हो रहा है और हर क्षेत्र में ट्रबल ही ट्रबल।
आपको बता दें कि बिहार में कांटी बिजलीघर की शुरुआत 1985 में हुई थी. तत्कालीन सांसद जॉर्ज फर्नांडिस के कोशिशों का नतीजा था कि कांटी में बिजली उत्पादन शुरू हो पाया. 50 मेगावाट की दोनों इकाई से बिजली उत्पादन शुरुआती दिनों में लगातार बंद रहा. साल 2002 में यहां बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप्प हो गया.
इसके बाद 2005 में जब नीतीश कुमार सत्ता में आए तो उन्होंने कांटी बिजली घर के मेंटेनेंस के लिए थर्मल पावर को आर्थिक मदद दे दी. नवंबर 2013 में कांटी की पहली यूनिट शुरू हुई इसके अगले साल दूसरी यूनिट से भी बिजली का उत्पादन शुरू हो गया. बिहार को तब से लगातार 220 मेगावाट बिजली यहां से मिल रही है.
एनटीपीसी कांटी के बाद बरौनी की यूनिट को भी बंद करेगा. बरौनी में 110 मेगावाट की दो इकाइयों का आधुनिकीकरण 581 करोड़ की लागत से किया गया है. 2015 के बाद यहां से उत्पादन शुरू है. यह यूनिट भी एनटीपीसी के ही हवाले है. बिजली यूनिट को बंद किए जाने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि यहां से महंगी बिजली मिलती है. कांटी बिजली घर से फिलहाल 5 रुपये से अधिक की दर से प्रति यूनिट बिजली मिल रही थी. जबकि इससे कम दर पर बाजार से बिजली उपलब्ध है. इसीलिए बिहार सरकार ने कांटी से बिजली लेना बंद कर दिया. बरौनी यूनिट से भी ऐसा ही मामला जुड़ा हुआ है.