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1st Bihar Published by: Updated Sat, 12 Jun 2021 07:11:53 AM IST
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PATNA : बिहार में कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों में गड़बड़ी सामने आने के बाद नीतीश सरकार चौतरफा आलोचना झेल रही है। सरकार इस फजीहत से निकलने के लिए कई तरह की सफाई भी दे रही है लेकिन अब जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक अगर ऐसा हुआ तो सरकार की परेशानी एक बार फिर बढ़ने वाली है। यह बिहार में कोरोना से मरने वालों के आंकड़ों में और ज्यादा वृद्धि हो सकती है। नए आंकड़े सामने आने के बाद मौत के आंकड़ों में बड़ा इजाफा हो सकता है।
दरअसल सरकार के पास मौजूदा वक्त में मौत के जो आंकड़े हैं उनमें ज्यादातर सरकारी अस्पतालों से जुड़े हुए हैं। लेकिन कोरोना की दूसरी की लहर के दौरान जिन प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का इलाज किया गया वहां हुई मौतों की सही जानकारी अब तक के सरकार के पास नहीं पहुंच पाई है। आशंका यह है कि निजी अस्पतालों ने कोरोना से मरने वालों के आंकड़े छुपाए हैं और खुद स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर चिंतित है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी सिविल सर्जन को दिए गए दिशा निर्देश के बावजूद निजी अस्पतालों ने कोरोना संक्रमितों की मौत के आंकड़ों की जानकारी स्थानीय प्रशासन को नहीं दी है। एक बार फिर पटना के सिविल सर्जन ने राजधानी के 28 प्राइवेट अस्पतालों को 3 दिन के अंदर मौत के आंकड़े बताने को कहा था। हैरत की बात यह है कि सिविल सर्जन की तरफ से दी गई समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई और निजी अस्पतालों ने अपनी तरफ से अब तक कोई जानकारी नहीं दी है।
दूसरी लहर के दौरान मरने वालों की संख्या में उन 28 निजी अस्पतालों के अंदर मृतकों की संख्या शामिल नहीं है। लिहाजा अगर इन अस्पतालों की तरफ से जानकारी मुहैया कराई जाती है तो एक बार फिर कोरोना से मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। आपको याद दिला दें कि 10 जून तक बिहार में कोरोना से मरने वालों की संख्या 9429 बताई गई थी हालांकि इसके पहले यह संख्या 5000 के आसपास बताई गई थी। अब एक बार फिर मौत के आंकड़ों में बड़ा इजाफा हो सकता है। जाहिर है नई जानकारी सामने आने के बाद सरकार पर एक बार फिर विपक्ष का हमला तेज होगा।