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KISHANGANJ: बिहार में करीब दो हफ्ते के भीतर आधा दर्जन पुल ढह गये हैं। वही अब किशनगंज में भी बूंद नदी पर बने 14 साल पुराने पुल का पिलर धंसने की खबर आ रही है। इसे लेकर पुल पर आवागमन को रोक दिया गया है। पुल पर बैरिकेटिंग भी लगा दी गयी है। भारी वाहनों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगायी गयी है।
बता दें कि बूंद नदी पर बना यह पुल काफी पुराना है। 14 साल पुराना यह पुल ठाकुरगंज प्रखंड के कुकुरबाघी पंचायत स्थित खौसीडांगी गांव में बूंद नदी पर स्थित है। लगातार हो रही बारिश की वजह से बूंद नदी का बहाव काफी तेज हो गया है। जिसके कारण अब 2010 में बने इस पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है। लोग इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि यदि पूरा पुल गिर गया तो भारी मुसीबत हो जाएगी।
इस पुल से होकर भारी वाहन भी गुजरती है। जिसके कारण पुल का दो स्पेन धंस गया है। पुल की स्थिति को देखते हुए भारी वाहनों के आवागमन को रोका गया है।बता दें कि यह पुल यहां के लोगों के लिए लाइफ लाइन है। यह किशनगंज के ठाकुरगंज मुख्यालय से पश्चिम बंगाल को जोड़ता है। यह पुल लोगों के लिए बहुत मायने रखता है। इसे लेकर इलाके के लोग काफी परेशान हैं।
इससे पहले अररिया, सिवान, मोतिहारी, किशनगंज और मधुबनी में पुल ढह गया था। वही हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाईपास के निर्माणाधीन पुल की रेलिंग में भी दरारें मिलने की बात सामने आई थी। मधौल में नवनिर्मित पुल की रेलिंग में आई दरारों के कारण पुल के गिरने का खतरा बन गया था। मामला सामने आने के बाद हरकत में आए NHAI के अधिकारियों को आनन-फानन में दरारों को भरने का काम शुरू करवाना पड़ा।
इससे पहले इंजीनियरों को निरीक्षण के लिए भेजा गया। इंजीनियरों की रिपोर्ट के बाद रेलिंग में आई दरारों को भरने का काम शुरू किया गया। उम्मीद जतायी जा रही है कि 30 जून तक दरारों का भरने का काम पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि 200 करोड़ की लागत से 17 किलोमीटर लंबी हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाईपास के निर्माणाधीन पुल का निर्माण हो रहा है।
मुजफ्फरपुर के रामदयालु से लेकर भगवानपुर तक भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसी समस्या के समाधान के लिए इस पुल का निर्माण कराया जा रहा है। मधौल से सदातपुर तक इस बाइपास का निर्माण हो रहा है। इस पुल के बनने से मोतिहारी, दरभंगा, सीतामढी जाना आसान हो जाएगा। इसी पुल के रेलिंग में आई दरार से इलाके के लोग भी हैरान है। पुल की गुणवत्ता पर सवाल उठा रहे हैं। लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि और कितना पुल गिरेगा? लोगों के सवाल का जवाब सरकार के अधिकारियों के पास भी नहीं है।