PATNA: दारोगा बहाली के दौरान प्रश्न पत्र वायरल करने वाले मामले में आयोग ने 9 लोगों पर नामजद और 50 अज्ञात पर केस दर्ज कराया है. आयोग ने कहा है कि कोई प्रश्न पत्र वायरल नहीं हुआ था. बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग पटना के विशेष कार्य पदाधिकारी अशोक कुमार प्रसाद ने कहा कि आयोग द्वारा पुलिस अवर निरीक्षक, परिचारी, सहायक अधीक्षक कारा एवं सहायक अधीक्षक कारा के 2446 रिक्त पदों के लिए लिखित परीक्षा पिछले 22 दिसंबर 2019 को आयोजित की गयी थी. इस लिखित परीक्षा में लगभग 585829 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दिया था. इसमें राज्य भर में 36 जिलों के कुल 495 परीक्षा केंद्रों पर दो शिफ्टोंं में परीक्षाएं आयोजित की गई थी. सभी परीक्षा केंद्रों पर जैमर की व्यवस्था की गई थी. परीक्षा संपन्न होने के बाद कुछ अभ्यर्थियों द्वारा प्रश्न-पुस्तिका को सोशल मीडिया पर अपलोड कर अफवाह फैलाया गया कि प्रश्न पत्र वायरल हो गया है. जो गलत है.
जांच के बाद कार्रवाई
आयोग की टीम द्वारा जांच कराई गई. जांच में 9 लोगों पर मामले सामने आए हैं जिसमें आरा, गया, सासाराम और खगड़िया परीक्षा के दौरान उत्तर पुस्तिका के कार्बन प्रति लेकर भागने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ संबंधित केंद्र अधीक्षक के द्वारा स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
अभ्यर्थियों को जारी किए गए प्रवेश पत्र में यह स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि प्रश्न पुस्तिका या उत्तर पुस्तिका आयोग की संपत्ति है. इसे परीक्षा केंद्र से बाहर ले जाने जाना दंडनीय अपराध है. उन्होंने ये भी बताया कि नवादा के मोतीबिगहा के दिल्ली पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र पर प्रथम पाली की परीक्षा नहीं हो पाई थी. कुछ परीक्षार्थियों द्वारा प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैला दी गई और हंगामा करते हुए परीक्षा बाधित कर दी गई थी. बाद में नवादा के जिला पदाधिकारी के द्वारा इस संबंध में आयोग को प्रतिवेदन समर्पित किया गया जिसमें प्रश्न पत्र लीक होने की सूचना बिल्कुल निराधार पाया गया. इस संबंध में आठ नामजद एवं अन्य के विरुद्ध नवादा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
अशोक कुमार ने ये भी बताया कि भोजपुर जिला के धरहरा परीक्षा केंद्र जैन बाला विश्राम बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय में प्रथम पाली की परीक्षा भी नहीं हो पाई थी. आरा के जिला पदाधिकारी के प्रतिवेदन में ये कहा गया कि शरारती मानसिकता वाले परीक्षार्थियों के कारण प्रथम पाली के परीक्षा नहीं हो पाई. प्रश्न पत्र के लीक होने के बाद बिल्कुल निराधार साबित हुई. इस संबंध में 9 एवं 50 अज्ञात लोगों के विरुद्ध आरा के नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.