बिहार में कोरोना गाइडलाइन पर BJP ने उठाया सवाल, भाजपा विधायक ने पूछा... पार्क-रेस्टोरेंट खुल सकते हैं तो मंदिर क्यों नहीं

बिहार में कोरोना गाइडलाइन पर BJP ने उठाया सवाल, भाजपा विधायक ने पूछा... पार्क-रेस्टोरेंट खुल सकते हैं तो मंदिर क्यों नहीं

PATNA : देश-विदेश में कोरोना के मामले बड़ी तेजी से फ़ैल रहे हैं. बिहार में भी कोरोना वायरस के हजारों केस सामने आ रहे हैं. नए मामलों को देखते हुए नीतीश सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. नई गाइडलाइन में मंदिर-मस्जिद समेत अन्य धार्मिक स्थलों को 30 अप्रैल तक बंद करने का आदेश दिया गया है. सीएम नीतीश की सहयोगी पार्टी बीजेपी ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. भाजपा के विधायक ने नई गाइडलाइन पर सावला उठाते हुए पूछा कि "जब राज्य में पार्क, रेस्टोरेंट और सिनेमा हॉल खुल सकता है तो मंदिर क्यों नहीं खुल सकते."


शनिवार को भाजपा विधायक हरी भूषण भूषण ठाकुर ने बिहार सरकार की नई गाइडलाइन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब लोगों को पार्क और ढाबे में जाने की इजाजत है तो फिर मठ-मंदिर  में जाने पर क्यों रोक लगाई गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार इस मसले पर विचार करें.



उधर मधुबनी नरसंहार में नाम उछालने पर भाजपा विधायक  हरी भूषण भूषण ठाकुर ने कहा कि "मछली पालन माफिया के द्वारा यह नरसंहार कराया गया है. यह जो घटना हुई तो मैं कोलकाता में था. अगर सबूत मिले तो तो मुझे फांसी दे दी जाये. लेकिन नेता प्रतिपक्ष जो आरोप लगा रहे हैं, वह पूरी तरीके से बेबुनियाद है. मधुबनी के राजेश यादव जो मछली पालन का माफिया है, जिसके तार तेजस्वी यादव से जुड़े हैं. उसकी भी जांच कराई जाए."


गौरतलब हो कि कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए नीतीश सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है. अब राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को 11 अप्रैल  से बढ़ाकर 18 अप्रैल तक बंद रखे का आदेश दिया गया है. इसके अलावा 30 अप्रैल तक सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को शाम सात बजे तक ही खोला जाएगा. यही नहीं राज्य के सभी धार्मिक स्थल भी 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे. हालांकि होटल और रेस्टोरेंट पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई है. 


नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद शनिवार को बोधगया में महाबोधि मंदिर सहित अन्य विदेशी मंदिरो का पट शनिवार से बंद कर दिया गया. महाबोधि मंदिर में आम दिनों की भांति सुबह में पूजा अर्चना की गई. उसके बाद आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया. बीटीएमसी सचिव एन दोरजे ने कहा कि यह व्यवस्था आगामी 30 अप्रैल तक लागू रहेगा. मंदिर के गर्भगृह में सुबह और शाम को बौद्ध भिक्षु शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए पूजा करेंगे. 


गौरतलब हो कि पिछले साल भी करोना संक्रमण के दौरान मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक संस्थानों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था. बाद में सरकार की गाइडलाइन के अनुसार धार्मिक स्थलों पर पूजा-अर्चना होती रही और लंबे अंतराल के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्थल खोले गए थे.