बिहार में कोचिंग और हॉस्टल को लेकर बड़ा फैसला, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

बिहार में कोचिंग और हॉस्टल को लेकर बड़ा फैसला, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

PATNA : बिहार में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर लॉकडाउन के समय से स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर और हॉस्टल को बंद रखा गया है. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल, कोचिंग सेंटर और हॉस्टल को लेकर बड़ा फैसला लिया है. बिहार शिक्षा विभाग की ओर से बिहार में 28 सितंबर से स्कूल खोलने का बड़ा एलान किया गया है. क्लास 9th से ऊपर के क्लास को खोलने का निर्णय लिया गया है.




बिहार सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पेरेंट्स की सहमति से बच्चे स्कूल अपने टीचर से सलाह लेने जा सकते हैं. बिहार सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक एक बच्चा सप्ताह में सिर्फ दो ही दिन स्कूल जा सकता है. कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को केंद्र सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन करते हुए स्कूल जाने की अनुमति होगी.


स्कूल के अलावा  कोचिंग सेंटर और हॉस्टल को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है. सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक हॉस्टल और कोचिंग सेण्टर को अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला किया गया है. स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन और शिक्षक की प्राथमिकता को देखते हुए बच्चों के लिए ऑनलाइन लर्निंग की व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी.


इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से जारी अनलॉक-4 की गाइडलाइन में भी क्लास 9th से 12th तक के बच्चों को 21 सितंबर से स्कूल जाने की अनुमति दी गई थी. पेरेंट्स के परमिशन से ही बच्चों को स्कूल भेजने की बात कही गईथी.




छात्रों के लिए गाइडलाइन -


- स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें 


- अपने पेन, पेंसिल, कॉपी, किताबें आदि किसी से साझा नहीं करें 


- प्रैक्टिकल क्लासेस अभी नहीं होगी


- स्कूल में इधर उधर नहीं घूमें 


- मास्क लगाकर स्कूल परिसर में रहें 


- सेनेटाइजर साथ में रखें


इन लोगों को नहीं मिलेगा प्रवेश -


- बुर्जुग शिक्षक या बुर्जुग स्टॉफ को नहीं बुलाया जायेगा


- क्वारंटाइन जोन वाले इलाके के छात्र और शिक्षक नहीं आएंगे स्कूल 


- सर्दी जुकाम वाले छात्रों को आने की मंजूरी नहीं 


- एलर्जी का लक्ष्ण वाले शिक्षक स्कूल नहीं आएंगे 


- जिन शिक्षक या छात्र के परिवार या आसपरोड़ में किसी को कोरोना हुआ है तो वो नहीं आयेंगे


स्कूलों में ये है तैयारी -


- स्कूल परिसर को कई बार सेनेटाइज किया गया है


- स्कूल में प्रवेश के हर गेट को खोला जायेगा 


- क्लास के अंदर छह फीट की दूरी पर बेंच लगायी जाएगी 


- एक समय में एक सेक्शन के दस बच्चे को ही बुलाया जायेगा 


- एक कक्षा में पांच से छह बच्चे ही बैठेंगे 


- मास्क लगा कर नहीं आने वाले बच्चों को मास्क देकर ही स्कूल में प्रवेश मिलेगा 


- आक्सीजन लेवल जांचने के लिए आक्सीमीटर रहेगा 


यहां पढ़िए सरकार की गाइडलाइन -