PATNA: बिहार में शराबबंदी के बावजूद चुनाव के दौरान खुलेआम शराब के जाम छलक रहे हैं. सूबे के कई जिलों में अवैध शराब के जाम छलकने की शिकायतों पर चुनाव आयोग सख्त हुआ है. आयोग ने दो जिलों के आबकारी यानि एक्साइज अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है. वहीं चार का तबादला तत्काल करने को कहा है.
चुनाव आयोग का फैसला
दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अवैध शराब की तस्करी पर रोक लगाने में बिहार पुलिस और प्रशासनिक तंत्र लगातार फेल हो रहा है. सरकार का आबकारी विभाग सुस्त पडा है. सूबे में पहले चरण के मतदान को लेकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक की तो शराब के मामले में बड़ी खामी सामने आई. नाराज चुनाव आयोग ने हरकत में आते हुए राज्य सरकार को दो जिलों के आबकारी अधक्षकों के निलंबन और चार जिलों के आबकारी अधीक्षकों का तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण करने का निर्देश दिया है.
इन पर हुई कार्रवाई
चुनाव आयोग ने दो जिलों के आबकारी अधीक्षकों को सस्पेंड करने का निर्देश दिया है. इनमें अरवल के अधीक्षक नितिन कुमार और शेखपुरा के अधीक्षक विपिन कुमार शामिल हैं. वहीं चार जिलों के उत्पाद अधीक्षकों का ट्रांसफर करने का निर्देश दिया गया है. इनमें जहानाबाद के अधीक्षक कृष्णा मुरारी, बक्सर के देवेंद्र कुमार, लखीसराय के शैलेन्द्र चौधरी और जमुई के आबकारी अधीक्षक संजीव ठाकुर शामिल हैं.
दरअसल चुनाव आयोग ने इससे पहले भी उत्पाद विभाग की लापरवाही पर कार्रवाई की थी लेकिन फिर भी विभाग हरकत में नहीं आया. चुनाव आयोगह के अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनावी तैयारियों की समीक्षा के दौरान ये पाया गया कि शराब के मामले में कुछ जिलों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है. इन जिलों के आबकारी अधिकारियों ने शराब की जब्ती और अवैध शराब के रोकथाम के लिए सतर्कता नहीं बरती है. लिहाजा, चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को दो जिला आबकारी अधीक्षकों के निलंबन और चार जिला आबकारी अधीक्षकों के तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण करने का आदेश जारी कर दिया है.