नीतीश के अफसर बेलगाम: उपेंद्र कुशवाहा ने खोल दी पोल, कहा... बिहार में नहीं सुनते अधिकारी, नेताओं को कोई रेस्पॉन्स नहीं देते

नीतीश के अफसर बेलगाम: उपेंद्र कुशवाहा ने खोल दी पोल, कहा... बिहार में नहीं सुनते अधिकारी, नेताओं को कोई रेस्पॉन्स नहीं देते

PATNA : बिहार में अक्सर अफसरशाही का आरोप झेलने वाली नीतीश सरकार के ऊपर एक बार फिर से बड़ा आरोप लगा है. इसबार भी विपक्ष ने नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी और भरोसेमंद नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा आरोप लगाया है. सीएम नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में अफसरों को बेलगाम बताया और कहा कि वे नेताओं को कोई रेस्पॉन्स नहीं देते. कुशवाहा ने नीतीश के अफसरों को तीखे शब्दों में चेतावनी भी दी कि इस तरह से बिलकुल नहीं चलेगा.


बिहार यात्रा पर निकले उपेंद्र ने पूर्णिया में अफसरों की मनमानी को लेकर बड़ा बयान दिया. पूर्णिया परिसदन में मीडियाकर्मियों से बातचीत करने के दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में सरकारी अफसर बिलकुल भी कोई प्रतिक्रिया नहीं देते. कुशवाहा का कहना है कि अधिकारी नेताओं की बात ही नहीं सुनते. सत्ताधारी दल के नेताओं और पदाधिकारियों की बात को भी अधिकारी नजरअंदाज करते हैं और अनदेखी कर निकल जाते हैं.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "जनता के समस्याओं के प्रति अधिकारी कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं. वे कोई भी रेस्पॉन्स नहीं करते. अधिकारियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सन्देश को ग्रहण करना चाहिए. सीएम नीतीश ऐसी चीज बिलकुल भी टॉलरेट करने वाले नहीं हैं. जनता दल यूनाइटेड के नेता भी कई जगह कहते हैं कि अधिकारी सुन नहीं रहे हैं."



उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "जनता दल यूनाइटेड के नेताओं और पदाधिकारियों की बात अफसरों को सुनना ही पड़ेगा. जो जायज काम है, अधिकारियों को उसे करना ही होगा. जो जायज नहीं है, उसे नहीं करें लेकिन उन्हें सुनना तो पड़ेगा. कई जगह इस तरह की शिकायत मिल रही है कि अधिकारी लोग रेस्पॉन्स नहीं कर रहे हैं. इस तरह से बिलकुल भी नहीं चलेगा."


गौरतलब हो कि इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने भी नीतीश सरकार में अफसरशाही का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने इस्तीफे की पेशकश करते हुए कहा था कि बिहार में अफसरशाही चरम पर है. यहां के चपरासी भी मंत्री की बात नहीं सुनते तो अफसर क्या सुनेगा.