PATNA : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर केस किया गया है. हैरानी की बात है कि ये केस किसी और ने नहीं बल्कि खुद बीजेपी के ही एक कार्यकर्ता ने किया है. मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में जेपी नड्डा की शिकायत की गई है.
मुजफ्फरपुर जिले के नगर थाना अंतगर्त न्यू एरिया सिकंदरपुर के रहने वाले बीजेपी कार्यकर्ता आचार्य चंद्र किशोर परासर ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर केस किया गया है. मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायतकी गई है. कोर्ट ने परिवाद को सुनवाई पर रख लिया है और मामले में 24 सितंबर को सुनवाई की जाएगी. तिरंगे के अपमान को लेकर बीजेपी कार्यकर्ता ने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर केस कर दिया है.
बीजेपी कार्यकर्ता आचार्य चंद्र किशोर परासर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर देश के झंडे से उपर पार्टी के झंडे को रखने का आरोप लगाया है. मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आईपीसी की धारा 153-बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है. आपको बता दें कि देशविरोधी बयान देने के मामले में मामले में जेल में बंद जेएनयू के छात्र शरजील इमाम के ऊपर हुए केस में भी यह धारा 153-बी लगाई गई थी. कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रैजुएशन करने वाले शरजील ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान असम को भारत से काटने की बात कही थी.
आईपीसी की धारा 153-बी के मुताबिक राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना है. यह संज्ञेय और अजमानतीय धारा है. इसमें 3 साल की जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं. यदि ऐसा अपराध सार्वजनिक पूजा स्थल पर किया जाए, तो यह अपराध गंभीर हो जाता है. इसमें 5 वर्ष की जेल और जुर्माना हो सकता है. यह भी संज्ञेय किस्म का अपराध है और यह अजमानतीय भी है. नियम के मुताबिक पुलिस आईपीसी की धारा 153-A और 153-B के आरोपी को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है. ऐसे अपराधों को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सुनता है और इस धारा की जमानत कोर्ट से ही होती है.
परिवादी भाजपा कार्यकर्ता चंद्र किशोर पाराशर का कहना है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन के पश्चात उनके शव को तिरंगा ध्वज में लपेट कर रखा गया था. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तिरंगा झंडे के ऊपर भाजपा के कमल निशान वाला झंडा डाल दिया. चंद्र किशोर पाराशर ने इसे राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा जानबूझकर राष्ट्रध्वज को नीचा करने के उद्देश्य से किया गया कार्य बताया है.
उनका कहना है कि वे भाजपा कार्यकर्ता हैं. लेकिन तिरंगे का अपमान दलगत भावना से ऊपर का मामला है. इसीलिए आहत होकर उन्होंने यह परिवाद दर्ज कराया है. गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का निधन 22 अगस्त को 89 वर्ष के उम्र में हो गया. कल्याण सिंह के शव को राजकीय सम्मान के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा भवन में रखा गया था. आरोप है कि कल्याण सिंह के शव के ऊपर जेपी नड्डा द्वारा भाजपा के कमल निशान वाला झंडा रख दिया गया.
आपको बता दें कि आचार्य चंद्रकिशोर पाराशर इससे पहले बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद दायर कर चुके हैं. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के द्वारा पाकिस्तान से बातचीत की वकालत करने वाले बयान को लेकर दायर किया गया था जबकि अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कौन बनेगा करोड़पति शो में धर्मशास्त्र से संबंधित एक सवाल पूछा था.
पाराशर ने आरोप लगाया कि सवाल व विकल्प में दिए गए उत्तरआपत्तिजनक थे. इससे धार्मिक भावना को ठेस पहुंची. 30 अक्टूबर को अमिताभ बच्चन ने यह सवाल पूछा था कि 25 दिसंबर 1927 को डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की पर्चियां जलाईं थीं? इसके चार विकल्प दिए गए थे, जिसमें A. विष्णुपुराण, B. भागवत गीता, C. ऋगवेद और D. मनुस्मृति. पाराशर का परिवाद में कहना था कि जान बूझकर हिंदू भावना को ठेस पहुंचाने के लिए शो में इस तरह का प्रश्न सेट किया गया था.इससे हिंदू भावना को आघात पहुंचता है.