PATNA : बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज़ हुसैन ने कड़ी चेतावनी दी है. शाहनवाज ने कहा है कि बियाडा के नाम पर जमीन लेकर रखने वालों पर बिहार सरकार कड़ी कार्रवाई होगी. उद्योग मंत्री ने साफ़ शब्दों में कहा कि बियाडा की जमीन हड़पने वालों के खिलाफ अब सख्त एक्शन होगा, उनके लिए हमदर्दी नहीं दिखाया जाएगी.
बिहार के उद्योग मंत्री बनने के बाद पहली बार भागलपुर पहुंचे सैयद शाहनवाज हुसैन ने खलीफाबाग चौक स्थित आनंदराम ढांढ़निया स्कूल में यह बयान दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में बियाडा के नाम पर जमीन लेकर रखने वालों के खिलाफ अब एक्शन होगा, उनके लिए हमदर्दी नहीं दिखाई जाएगी. पांच दिन पहले भी बजट सत्र के दौरान पहली बार विधान विधान परिषद में बोलते हुए शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि कई क्षेत्रों में इंडस्ट्री के लिए प्रस्ताव है, लेकिन अभी प्रीमेच्योर स्थिति में है. बियाडा की जमीन का उपयोग हम करेंगे. जो लोग बियाडा की जमीन उद्योग के नाम पर लेकर बैठ गए हैं, उन पर कार्रवाई होगी. जहां जमीन नहीं है, वहां भी हम जमीन लेंगे. जिस काम के लिए जिसने भी जमीन ली है, वहां उस योजना पर काम करना ही होगा.
गौरतलब हो कि बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) के अंतर्गत आने वाले भू-खंडों को छह वर्गों में बांटने का निर्देश दिया है. इसमें 0.25 एकड़ से लेकर पांच एकड़ से अधिक रकबे वाले भूखंड शामिल हैं. इसका मकसद यह है कि उद्यमियों को जमीन की किल्लत न हो और वह निवेश कर रोजगार सृजन कर सकें. उद्योग विभाग ने बियाडा की आवंटन योग्य भूमि में 25 फीसद का विभाजन ऐसे भूखंडों में करने का निर्देश दिया है, जिसका रकबा आधा एकड़ या उससे कम हो. इससे कम जमीन पर अधिक उद्योग लग सकेंगे जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. यह भूमि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों के साथ स्टार्टअप के आवेदकों के लिए आरक्षित होगी. शेष 75 फीसद उपलब्ध आवंटन योग्य भूमि को भू-खंडों की मांग और उद्यमियों की आवश्यकता के अनुसार निदेशक पर्षद के निर्णय के बाद विभाजित किया जाएगा.
एससी-एसटी और अति पिछड़े वर्ग के उद्यमियों के साथ महिला उद्यमियों को जमीन आवंटन में आरक्षण का भी लाभ मिलेगा. एक जनवरी, 2020 या उसके बाद विकसित या अधिग्रहित औद्योगिक क्षेत्र के भूखंडों और गन्ना मिलों से प्राप्त भूमि का 10 फीसद हिस्सा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग और महिला उद्यमियों के लिए आरक्षित होगा. नए प्रावधानों के तहत भूखंडों के आवंटन के लिए उद्यमियों को बियाडा की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.भूखंड के हिसाब से आवेदकों के लिए अहर्ता तय की गई है.
भूमि आवंटन के लिए हर माह प्रोजेक्ट क्लीयरेंस कमेटी (पीसीसी) की बैठक होगी.इसमें बियाडा के एमडी, कार्यकारी निदेशक, उद्योग निदेशक, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के प्रतिनिधि, बियाडा के सलाहकार और उद्योग संघों के दो प्रतिनिधि शामिल होते हैं. बैठक के 15 दिनों के अंदर जमीन आवंटन पर निर्णय लेना होगा.
उद्योग मंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में नए निवेश को लेकर सरकार कितनी गंभीर है. इसपर हुसैन ने कहा कि 27 में से एक भी प्रस्ताव लंबित नहीं है.मेरे टेबल पर 1 मिनट भी फाइल नहीं रुकती. बिहार में उद्योग के लिए स्वर्ण काल आने वाला है. सरकार की योजना 'वन डिस्ट्रिक, वन प्रोजेक्ट' की है. एग्रो बेस्ड और पेट्रोलियम से चलने वाली इंडस्ट्री की अपार संभावनाएं हैं.बायोवेस्ट इंडस्ट्री लगाने से भी यहां रोजगार मिलेगा.पहले ईख से इथेनाल बनाने की बात थी लेकिन अब मक्का और चावल से भी इथेनॉल बनने लगा है. इसलिए अन्य क्षेत्रों में भी इथेनाल की इंडस्ट्री लगाई जा सकती है.
इस कार्यक्रम में शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भागलपुर के सिल्क और रेशम उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगे. सिर्फ कहने के लिए नहीं कि यह सिल्क सिटी है, जिस तरह जयपुर को पिंक सिटी कहने पर उसकी वजह दिखती है, उसी तरह भागलपुर को सिल्क सिटी कहने पर वजह दिखनी चाहिए. हमलोग उस दिशा में अब प्लान कर रहे हैं.