MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल
1st Bihar Published by: Updated Sun, 07 Feb 2021 04:22:22 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार के किसानों में भी गुस्सा बढ़ रहा है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के किसान चौपाल में बिहार के किसान अपने गुस्से का इजाहर खुल कर रहे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ रालोसपा का किसान चौपाल कार्यक्रम 2 फरवरी से बिहार में शुरू हो चुका है. किसान चौपाल 28 फरवरी तक लगाया जाएगा. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता फजल इमाम मल्लिक, प्रदेश प्रवक्ता व महासचिव धीरज सिंह कुशवाहा, रालोसपा के कार्यकारी अधयक्ष बीके सिंह और संतोष कुशवाहा ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर इस मामले की जानकारी दी. प्रेस कांफ्रेंस में किसान प्रकोष्ठ के प्रधान महासचिव रामशरण कुशवाहा, कार्यालय प्रभारी अशोक कुशवाहा और प्रदेश महासचिव भुनेश्वर कुशवाहा भी मौजूद थे.
किसान चौपाल की जानकारी देते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि पूरे बिहार के किसानों में इसका बेहतर संदेश गया है और रालोसपा व कार्यकर्ता उन्हें बताने में सफल हो रहे हैं कि इन कानूनों में क्या काला है. मल्लिक और धीरज ने बताया कि इन कृषि कानूनों में सफेद कुछ भी नहीं है, सच तो यह है कि पूरा कानून ही काला है और यह अगर पूरी तरह लागू हो गया तो किसान अपने खेतों में ही मजदूरी करने के लिए मजबूर हो जाएगा.
संतोष कुशवाहा ने कहा कि वे बांका, जमुई, नवगछिया सहित कई जिलों का दौरा कर लौटे हैं और वहां किसानों में उबाल है. इन कृषि कानूनों को लेकर जल्द ही बिहार में भी किसान आंदोलन शुरू करने और सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहा है. रालोसपा इन कानूनों की खामियों की चर्चा पार्टी के कार्यक्रम किसान चौपाल में कर रही है और किसानों व आम लोगों को बता रही है कि तीन कृषि कानून दरअसल किसानों के लिए डेथ वारंट है.