PATNA: बिहार में बालू के काले कारोबार का नंगा सच सामने आ गया है. नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानि CAG की रिपोर्ट में हैरान कर देने वाली बातें सामने आयी हैं. बिहार में मोटर साइकिल, स्कूटर, एंबुलेंस, ई रिक्शा, जेसीबी, कार और बस से बालू ढ़ोये गये. सरकारी कागजातों में दर्ज है कि मोटरसाइकिल से लगभग साढ़े 6 लाख टन बालू ढ़ो लिया गया. सीएजी की रिपोर्ट में ऐसे कई सनसनीखेज खुलासे किये गये हैं.
दरअसल, सीएजी ने बिहार में खान और भूतत्व विभाग के कामकाज की जांच की थी. इसमें ही ये चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं. सीएजी ने अपनी जांच में पाया है कि बिहार में बडे पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है. सीएजी ने पटना के इंजीनियरिंग कॉलेज एनआईटी से मदद लेकर जांच करायी तो पता चला कि बिहार के सभी बालू घाटों पर अवैध खनन हो रहा है. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार में अवैध बालू खनन का चलन लगातार बढ़ रहा है.
बाइक, एंबुलेंस, बस, जेसीबी, ई-रिक्शा से ढोये गये बालू
दरअसल बिहार के किसी बालू घाट से बालू ले जाने वाले वाहन को ई-चालान निर्गत किया जाता है. जिस गाड़ी से बालू ढ़ोया जाता है उसके नंबर पर ई-चालान जारी किया जाता है. सीएजी ने सिर्फ 14 जिलों में ई-चालान की जांच की. जांच में हैरान कर देने वाली बातें सामने आयीं. सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग 47 हजार ऐसी गाडियों को बालू ढ़ोने का ई-चालान जारी किया गया, जिससे बालू ढ़ोना संभव ही नहीं था. इन गाडियों को लगभग ढ़ाई लाख ई चालान जारी किये कर दिये गये.
किन गाड़ियों से ढोया कितना बालू
1. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक बाइक औऱ स्कूटर को बालू ढ़ोने के 62 हजार 843 ई चालान जारी कर दिये गये. बाइक औऱ स्कूटर से 6 लाख 44 हजार टन से ज्यादा बालू ढ़ो लिया गया.
2. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक ऑटो रिक्शा से बालू ढ़ोने के लिए 39 हजार से ज्यादा ई-चालान बनाये गये. ऑटो रिक्शा से 3 लाख 85 हजार टन से ज्यादा बालू ढ़ो लिया गया.
3. बालू माफियाओं ने बस से बालू ढ़ोने के लिए 2 हजार 867 ई चालान जारी किये. सरकारी कागज में दर्ज है कि बस से 35 हजार 789 टन से ज्यादा बालू ढोया गया.
4. छोटे मालवाहक यानि मिनी ट्रक से भी खूब बालू ढोया गया. उनसे बालू ढ़ोने के लिए लगभग सवा लाख ई चालान बनाये गये. सरकारी कागजातों के मुताबिक मिनी ट्रक से लगभग 11 लाख टन बालू ढोया गया.
5. बालू माफियाओं औऱ ठेकेदारों ने एंबुलेंस से बालू ढ़ोने के 10 ई चालान बनाये. एंबुलेंस से 124 टन बालू ढ़ो लिया गया.
6. इसी तरह जेसीबी से बालू ढ़ोने के लिए 12 ई चालान जारी किये गये. कागजातों के मुताबिक जेसीबी मशीन से लगभग 85 टन बालू ढोया गया.
7. फायर बिग्रेड की गाड़ी तक से बालू ढ़ोने का चलान काटा गया. सरकारी दस्तावेज के मुताबिक फायर ब्रिगेड की गाड़ी से 8 टन बालू ढ़ोया गया.
8. कार से भी बालू की भी खूब ढुलाई हुई. कार से बालू ढ़ोने के 9 हजार 245 ई चालान काटे गये. सरकारी कागजातों के मुताबिक मोटर कार से लगभग 87 हजार टन बालू ढ़ो लिया गया.
एक बाइक से एक दिन में 181 दफे बालू ढ़ोया
बिहार में बालू ले जाने के लिए बनाये गये ई चालान में फर्जीवाड़ा सिर्फ इतना ही नहीं हुआ. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक एक मोटरसाइकिल को बालू ढ़ोने के लिए एक दिन में 181 दफे ई चालान जारी किया गया. वहीं, एक कार को बालू ढ़ोने के लिए एक ही दिन में 139 दफे ई चालान जारी किया गया.
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में बिहार में अवैध बालू और पत्थर खनन पर कई अहम खुलासे किये हैं. देखना होगा कि सरकार इन पर कार्रवाई करेगी या फिर ये मामला बाकी घोटालों की तरह ही दबा दिया जायेगा.