PATNA : सावधान हो जाइये. बिहार में इन दिनों बच्चों को एक नई बीमारी हो रही है. राज्य के पटना, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सारण, सीवान, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण समेत लगभग दर्जनभर जिलों में रहस्यमयी वायरल बुखार से हड़कंप मच गया है. सूबे के गोपालगंज जिले में दो और मुजफ्फरपुर जिले में एक बच्चे की मौत हो गई है. दिन प्रतिदिन बीमार बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ते ही जा रही है, जो डॉक्टरों के लिए भी एक बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. डॉक्टर भी टेंशन में हैं क्योंकि वे इस नए वायरस से अनजान हैं.
राजधानी पटना में एम्स और पीएमसीएच समेत चार बड़े अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित लगभग 200 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं. पटना के पीएमसीएच में 30 नए बच्चों को भर्ती कराया गया है. पीएमसीएच के शिशु विभाग पीकू-नीकू में 276 बेड है, जिसमें 131 बेड पर वायरल से पीड़ित बच्चे हैं. जबकि दूसरे बड़ों पर अन्य बीमारी से पीड़ित बच्चे हैं.
इसके अलावा मुजफ्फरपुर, सारण, गोपालगंज, सीवान और पश्चिमी चंपारण में भी यह बुखार तेजी से फ़ैल रहा है. बुधवार को मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कालेज अस्पताल में 40 व केजरीवाल अस्पताल में 25 बच्चों को भर्ती कराया गया. इस बीच एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती पूर्वी चंपारण जिले के सुगौली निवासी अमित कुमार (11) की एक्सप्रेशनल निमोनिया से मौत हो गई. उसे दो दिन पहले गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गोपालगंज सदर अस्पताल में प्रतिदिन 300 समेत जिले में वायरल बुखार से पीड़ित चार सौ के करीब बच्चे इलाज को अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. बुधवार को सदर अस्पताल में एक और दूसरे बच्चे की पटना ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई. कुचायकोट थाना क्षेत्र के भठवा गांव के जवाहरलाल मिश्रा के पुत्र दस वर्षीय अभिषेक कुमार की आज सुबह मौत हो गई. मांझा प्रखंड के धोबवलिया गांव की गुड़िया खातून की तीन वर्षीय पुत्री फायका खातून की भी जान चली गई.
गया के मगध मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में 71 में से 47 बेड फुल हैं. जबकि सीवान जिले के सदर हॉस्पिटल में 80 से 90 बच्चे पहुंच रहे हैं. पटना एम्स में शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ लोकेश तिवारी बीमारी का कारण अज्ञात वायरल को बता रहे हैं. पीएमसीएच शिशु रोग के पूर्व विभागाध्यक्ष और एईएस समेत कई महामारी का एसओपी बनाने वाले डॉ निगम प्रकाश नारायण के अनुसार चार विरस के गठजोड़ के कारण इस साल यह वायरल तेजी से फ़ैल रहा है. बीमार बच्चों में फ्लू, एक्यूट ब्रांकियोलाइटिस, वायरल निमोनिया और डेंगू वायरस के लक्षण है. ब्रांकियोलाइटिस वायरस के कारण बच्चों के फेफड़े संक्रमित हो रहे और उनका दम फुल रहा है. बच्चों को इससे सांस लेने में दिक्कत हो रही है. उन्हें बुखार और उल्टी की भी शिकायत है.
जिन बच्चों को निमोनिया, सांस लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें आ रही हैं. इन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट भी देना पड़ रहा है. चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि बच्चों में दिख रहे लक्षण को कोरोना न समझें, ये इन्फ्लूएंजा वायरस हैं. ये वायरस बरसात के अंतिम दिनों में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं और उनके प्रसार की शक्ति भी बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण इस साल ये अधिक प्रभावशाली हो गया है. पिछले साल उनकी क्लिनिक में वायरल फ्लू के पांच से छह बच्चे ही आते थे, लेकिन इस साल यह संख्या तीन गुनी हो गई है.
एनएमसीएच के अधीक्षक व शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा विनोद कुमार सिंह के अनुसार बच्चों में इस प्रकार का बुखार हर एक साल के अंतराल पर देखा जाता है. सामान्य इलाज से इसे ठीक किया जाता है. स्थिति चिंताजनक नहीं है. उधर, स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में भर्ती बच्चों की जांच करायी तो पाया गया कि कुछ बच्चों में निमोनिया की शिकायत है.
गौरतलब हो कि राजधानी पटना के कई स्कूलों ने पांचवीं तक की कक्षा को ऑनलाइन कर दिया है. अब इन कक्षाओं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा भी ऑनलाइन ही ली जायेगी. स्कूलों द्वारा यह निर्णय बुधवार सुबह लिया गया. बच्चों के वायरल बुखार होने से अभिभावक दहशत में हैं. नॉट्रेडम एकेडमी की बात करें तो अभिभावकों द्वारा स्कूल पर काफी दबाव दिया जा रहा था. ऐसे में बुधवार सुबह में स्कूल प्रशासन ने पांचवीं तक के सभी बच्चों को ऑनलाइन कक्षा शुरू करने की जानकारी दी.
स्कूल प्रशासन की मानें तो एक से पांचवी तक अर्द्धवार्षिक परीक्षा भी अब ऑनलाइन ही ली जायेगी. वहीं लोयेला हाईस्कूल ने भी एक से पांचवी तक की कक्षाएं ऑनलाइन कर दी है. वहीं सेंट जेवियर्स हाईस्कूल के प्राचार्य फादर किस्टू ने बताया कि प्राइमरी में ऑनलाइन कक्षा के लिए शुक्रवार को निर्णय लिया जायेगा. कई स्कूल अभिभावकों को समझा रहे हैं. डान बास्को एकेडमी की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने बताया कि अभिभावकों में दहशत है. ऐसे में अभिभावकों को समझाया जा रहा है. अभिभावकों की काउंसिलिंग की जा रही है. चौथी से आठवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा ऑफलाइन ही स्कूल में 20 अक्टूबर से ली जायेगी. वहीं एक से तीसरी कक्षा तक की परीक्षाएं ऑनलाइन होंगी.