PATNA : बिहार में आज से जूनियर डॉक्टर काम नहीं करेंगे. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से बिहार में आज से स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित होने की उम्मीद है. जूनियर डॉक्टरों की भूमिका स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहद महत्वपूर्ण है. लगातार सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर ही बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं और अब इन्होंने स्ट्राइक पर जाने का फैसला किया है.
जूनियर डॉक्टरों की 1 सूत्री मांग स्टाइपेंड बढ़ाने की है. आज सुबह 7:00 बजे से सभी जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टर्स के संगठन ने मंगलवार को ही इसका ऐलान कर दिया था. जेडीए के मुताबिक उन्होंने अपनी तरफ से मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और अधीक्षक को जानकारी दे दी है. जेडीए के मुताबिक साल 2017 से बिहार में जूनियर डॉक्टरों का स्टाइपेंड रिवाइज नहीं किया गया है जिसकी वजह से वह स्ट्राइक पर जा रहे हैं.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड में बढ़ोतरी होनी चाहिए. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हरेंद्र के मुताबिक राज्य में जूनियर डॉक्टरों की संख्या तकरीबन एक हजार है. यानी कुल डॉक्टरों की संख्या से आधी तादाद जूनियर डॉक्टरों की है. जो पीजी से लेकर इमरजेंसी सेवा तक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्होंने इस मामले पर दो बार राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मिलने का प्रयास किया, लेकिन मुलाकात नहीं हुई. विभाग का कहना है कि प्रथम वर्ष में 50 वर्ष में 55 55 हजार मिलता है.