PATNA : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जाती आधारित जनगणना करवाया जा रहा है। इसको लेकर उनका कहना है इस जनगणना के बाद सही मायने में मालूम चलेगा कि इस जाति की आबादी कितनी है और किन्हें सही मायने में आरक्षण की जरूरत है। इसको लेकर अब जो ताजा अपडेट निकल कर सामने आ रही है। उसके मुताबिक 7 जनवरी से बिहार में जाति सह आर्थिक गणना शुरू होगी। यह प्रकिरिया को चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में मकान की गिनती होगी तो वहीं, दूसरे चरण में जाति के साथ आर्थिक गणना होगी। हालांकि, दूसरे चरण की गणना मार्च में शुरू की जाएगी।
दरअसल, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में यह कहा गया है कि बिहार में 7 जनवरी से जाति सह आर्थिक गणना शुरू होग। यह दो चरणों में होगा। पहले चरण में मकान की गणना होगी, जोकि 21 जनवरी तक पूरी कर ली जाएगी। इस दौरान जनगणना करने जाने वाले कर्मी को मकान पर नंबरिंग करंगे। इसके लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया जाएगा। इसको लेकर उन्हें ट्रेनिंग भी दिया जाएगा। जिसकी शरुआत इसी महीने के 15 तारीख से बिपार्ड में होनी है। इसमें राज्य के सभी जिलों के 10-10 अधिकारी शामिल होंगे।
गौरतलब हो कि, आज से 11 साल पहले यानि 2011 में हुए जनगणना के मुताबिक सबसे अधिक जनसंख्या बिहार की राजधानी पटना जिले में थी। यहां 2011 की जनगणना के अनुसार 58 लाख 38 हजार 465 आबादी थी। इस बार यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, पटना में कम से कम 75 लाख के आस- पास की आबादी होगी। वहीं, दूसरी तरफ इनकी गिनती को लेकर राज्य सरकार के तरफ से 12,696 कर्मियों को काम पर लगाया जाएगा। पटना जिले में फिलहाल 204 जाति निवास करती है। ऐसे में यहां गणना करने को लेकर 11 कोषांग और 45 चार्ज का गठन किया गया है। सभी कोषांग में वरीय नोडल पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है।