1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 29 Dec 2025 11:35:52 AM IST
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Saharsa News : सहरसा मंडल कारा में एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जहां पॉक्सो एक्ट के एक आरोपित कैदी पिंटू साह की संदिग्ध परिस्थितियों में गला रेतकर मौत हो गई। घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। खून से लथपथ हालत में कैदी को आनन-फानन में एंबुलेंस से सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के परिजनों ने इसे हत्या करार देते हुए जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मृतक कैदी की पहचान बिहरा थाना क्षेत्र के बारा लालगंज निवासी पिंटू साह के रूप में हुई है, जो पॉक्सो एक्ट के एक मामले में पिछले करीब 22 महीनों से सहरसा मंडल कारा में बंद था। रविवार दोपहर अचानक जेल के भीतर उसके घायल होने की सूचना मिली। बताया जा रहा है कि कैदी का गला बुरी तरह कटा हुआ था और उसका शरीर खून से पूरी तरह लथपथ था। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जेल प्रशासन ने तुरंत उसे अस्पताल भेजा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना की जानकारी मिलने पर मृतक के भाई को फोन कर सूचित किया गया। सूचना मिलते ही स्वजन सदर अस्पताल पहुंचे। शव की हालत देखकर परिजनों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने साफ तौर पर हत्या का आरोप लगाया। उनका कहना है कि जेल के अंदर इतनी गंभीर घटना बिना किसी साजिश के संभव नहीं है। परिजनों ने सवाल उठाया कि अगर यह आत्महत्या है तो जेल के अंदर कैदी के पास गला रेतने का हथियार कैसे पहुंचा।
घटना की गंभीरता को देखते हुए सदर थाना पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। शव का वीडियोग्राफी कराया गया और शरीर पर मौजूद जख्मों की बारीकी से जांच की गई। प्रारंभिक जांच में गले पर गहरे जख्म के निशान पाए गए हैं। बताया गया कि मृतक का आधा गला कटा हुआ था, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और उसकी मौके पर ही हालत नाजुक हो गई थी।
मामले में जेल प्रशासन भी सवालों के घेरे में आ गया है। जेल अधीक्षक निरंजन पंडित ने बताया कि घटनास्थल से एक थाली का आधा टुकड़ा बरामद किया गया है, जो खून से सना हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि इसी से गला काटा गया हो, हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी। उन्होंने यह भी बताया कि जेल में लगे दो सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की गई है। फुटेज में कैदी को बेहोश होकर गिरते हुए देखा गया है, लेकिन गला काटने की स्पष्ट घटना कैमरे में कैद नहीं हुई है।
जेल अधीक्षक के अनुसार, यह मामला पूरी तरह संदेहास्पद है और इसकी जांच हर स्तर पर की जा रही है। न्यायिक जांच के साथ-साथ विभागीय जांच की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। फोरेंसिक रिपोर्ट और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा।
इस घटना के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल उठने लगे हैं। जेल के अंदर कैदियों की निगरानी, प्रतिबंधित वस्तुओं की रोकथाम और सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन जांच में जुटी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि यह आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या। सहरसा मंडल कारा में हुई इस घटना ने न सिर्फ जेल प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि बंदियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा कर दी है।