PATNA : बिहार में अब 50 साल से ऊपर के अक्षम सरकारी कर्मी हटाए जायेंगे, काम करने में सक्षम नहीं हैं. नीतीश सरकार ने उनके कार्यकलापों की समीक्षा के लिए नीति निर्धारित कर दी है. नीतीश सरकार ने इस काम के लिए एक कमिटी का गठित की है. 3 सदस्यों और 4 सदस्यों की दो अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. अपर मुख्य सचिव और सचिव की अध्यक्षता में दो समितियों का गठन किया गया है. गृह विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है.
बिहार सरकार के अधीन 50 वर्ष से ज्यादा के अक्षम सरकारी सेवक हटाए जाएंगे. हर साल दो दफे समीक्षा का काम होगा. नीतीश सरकार ने अपर मुख्य सचिव और सचिव की अध्यक्षता में दो समितियों का गठन किया गया है. अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमिटी में सचिव, विशेष सचिव और विभागीय मुख्य निगरानी पदाधिकारी को रखा गया है. इसके अलावा सचिव की अध्यक्षता वाली कमिटी में संयुक्त सचिव और अवर सचिव के अफसर को रखा गया है. बताया जा रहा है कि इस समिति की अनुशंसा पर जून से जबरन रिटायरमेंट का ड्राइव शुरू हो जाएगा. गृह विभाग से शुरुआत के बाद अब अन्य विभागों में भी अगले महीने समिति बनने लगेगी.
सरकार ने 50 साल से ऊपर के अक्षम सरकारी कर्मियों के लिए ये नीति निर्धारित की है. इन कर्मियों की सत्यनिष्ठा के साथ कार्य दक्षता और उनके आचार भी देखे जाएंगे. इसमें कहीं कोई कमी पाई जाती है तो अनिवार्य सेवानिवृति दी जाएगी. कार्यकलापों की समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न स्तर पर अलग-अलग समितियों का गठन किया है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने सरकारी सेवकों के कार्यकलापों की समीक्षा के लिए बनाई गई नीति को लेकर बताया कि 50 वर्ष से उपर के समूह क, ख, ग और अवर्गीकृत सभी समूहों के कर्मियों के कार्यकलाप की समीक्षा होगी. हर विभाग में समीक्षा के लिए समिति का गठन भी कर दिया गया है. समूह ‘क’ के कर्मियों के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति यह काम करेगी. वहीं समूह ‘ख’ और ‘ग’ के मामले में समिति के अध्यक्ष सचिव होंगे.
समिति प्रत्येक वर्ष दो दफे समीक्षा का काम करेगी। जिन कर्मचारियों की उम्र जुलाई से दिसम्बर के बीच 50 वर्ष से ज्यादा होनेवाली है तो उसके मामलों की समीक्षा उसी वर्ष जून में होगी. वहीं, जनवरी से जून के महीने में जिनकी उम्र 50 से उपर होनेवाली है उनके मामलों की समीक्षा इससे पहले ही दिसम्बर में की जाएगी.
समिति कुछ खास बिंदुओं पर कर्मचारियों के कार्यकलापों की समीक्षा करेगी. यदि किसी की सत्यनिष्ठा संदिग्ध होती है तो अन्य दूसरे बिंदुओं पर विचार किए बिना अनिवार्य सेवानिवृति की अनुशंसा की जाएगी. समीक्षा का दूसरा पैमाना कार्य दक्षता या आचार होगा. कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं है जिससे कर्मी को सेवा में बनाए रखना न्याय या लोकहित में नहीं हो तो उन्हें भी अनिवार्य तौर पर सेवानिवृति करने की कार्रवाई होगी.