PATNA : दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात की मजलिस में शामिल होने वाले 24 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद बिहार में भी हड़कंप मच गया है। निजामुद्दीन से निकलकर बिहार के अलग-अलग इलाकों में पहुंचे मौलवियों की पहचान का काम शुरू हो गया है। फिलहाल पटना में 19 और बक्सर में 11 मौलवियों की पहचान की गई है और उनका टेस्ट सैंपल लिया गया है।
पटना जिला प्रशासन ने फुलवारी स्थित संगी मस्जिद में किर्गिस्तान से आए 7 मौलवी और समनपुरा के एक घर में कोरेंटाइन कर रखे गए 8 मौलवियों और उनके दो गाइड का टेस्ट सैंपल लिया है। पटना सिविल सर्जन की तरफ से बनाई गई मेडिकल टीम ने इन सभी लोगों का सैंपल लिया। फुलवारीशरीफ स्थित संगी मस्जिद में 8 मार्च को पटना आए जमात के लोग ठहरे हुए हैं जबकि समनपुरा में दीघा की मस्जिद से निकाले गए लोगों को को कोरेंटाइन कर रखा गया था।
इसके अलावे बक्सर में तबलीगी जमात से जुड़े 11 विदेशी मौलवियों का भी टेस्ट सैंपल लिया गया है। यह सभी लोग डुमराव स्थित नया भोजपुर की एक मस्जिद में रह रहे हैं। इनमें इंडोनेशिया के साथ और मलेशिया के चार लोग शामिल हैं। इनके साथ मुंबई के दो गाइड भी मौजूद है। इन सभी को डुमराव में ही कोरेंटाइन कर दिया गया है। हैरत की बात यह है कि तबलीगी जमात से जुड़े मौलवियों को सकुशल वापस उनके देश भेजने के लिए मलेशिया के दूतावास की तरफ से सीधे बक्सर के डीएम को एक पत्र भेजा गया था। डीएम ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में जानकारी दे दी। बक्सर के डीएम अमन समीर ने कहा है कि ऐसे मामलों में जिलाधिकारी कोई निर्णय नहीं ले सकते और यह मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़ा है। अब राज्य सरकार की तरफ से आगे जो दिशा निर्देश मिलेगा उसके मुताबिक आगे कार्रवाई करेंगे। आपको बता दें कि बक्सर में जिन मौलवियों को कोरेंटाइन किया गया है यह सभी 3 मार्च को वहां पहुंचे थे और उन्होंने अपनी यात्रा की जानकारी छिपाई थी।