बिहार में 3 लाख 19 हजार वाहन टैक्स डिफॉल्टर, गाड़ी मालिकों के फायदे के लिए विभाग ने शुरू की ये योजना

बिहार में 3 लाख 19 हजार वाहन टैक्स डिफॉल्टर, गाड़ी मालिकों के फायदे के लिए विभाग ने शुरू की ये योजना

PATNA: टैक्स डिफॉल्टर व्यवसायिक वाहन मालिकों को राहत दिलाने के लिए बिहार में सर्वक्षमा योजना की शुरुआत हो गई है. पहले तीन दिनों में ही करीब 550 वाहन मालिकों ने इस योजना का फायदा उठाया है. 15 फरवरी तक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस दौरान अनिबंधित वाहनों को निबंधित भी करा सकते हैं. व्यावसायिक वाहनों एवं ट्रैक्टर-ट्रेलर को अर्थदंड या फीस या कर की एकमुश्त राशि जमा करने पर विशेष छूट दी जाएगी. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सर्वक्षमा योजना की शुरुआत 15 नवंबर से हो चुकी है. योजना का काफी उत्साहवर्धक परिणाम आ रहा है.

90 दिनों के अंदर उठा सकते हैं लाभ

परिवहन सचिव ने बताया कि जिनका टैक्स बकाया है या बिना निबंधित सड़क पर वाहन चला रहे हैं या वाहन का फिटनेस फेल है ऐसे वाहन मालिक 90 दिनों के अंदर सर्वक्षमा योजना का लाभ उठा सकते हैं. ऑटो चालकों को भी योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत वाहन मालिकों को राहत दिलाते हुए 16 नवंबर से 22 नवंबर तक टैक्स डिफॉल्टर वाहनों से 2 करोड़ 55 लाख 9 हजार रुपये राजस्व की वसूली की गई. राज्य में लगभग 3 लाख 19 हजार वाहन टैक्स डिफॉल्टर हैं. इस योजना से हजारों वाहन मालिकों को फायदा होगा.



मिला टैक्स में छुट

टैक्स डिफॉल्टर निबंधित या अनिबंधित ट्रैक्टर-ट्रेलर, जो कृषि या व्यावसायिक कार्यों में काम आते हैं उनके मालिक 25000 रुपए जमा कर वाहन को निबंधित या विनियमित करा सकते हैं. अगर निलामपत्र वाद दायर है तो उसे विभाग द्वारा वापस ले लिया जाएगा. सभी प्रकार के निबंधित या अनिबंधित व्यावसायिक या मालवाहक वाहन जो एक साल पूर्व तक टैक्स डिफॉल्टर हैं तो बकाया कर के अतिरिक्त 30 प्रतिशत अर्थदंड जमा करने पर रेगुलेट कर दिया जाएगा. अगर वाहन एक साल से अधिक डिफॉल्टर है तो उसे बकाया टैक्स के अतिरिक्त 50 प्रतिशत अर्थदंड जमा करने पर, उस वाहन पर जो भी अर्थदंड होगा सर्वक्षमा दी जाएगी और उस वाहन को निबंधित या विनियमित कर दिया जाएगा. अगर फिटनेस के कारण डिफॉल्टर हैं तो इसमें भी फीस को घटा दिया गया है. प्रत्येक दिन के लिए 50 रुपए की अतिरिक्त फीस को घटाकर 90 दिनों के लिए दोपहिया एवं तिपहिया वाहन के लिए 10 रुपए प्रतिदिन, व्यावसायिक ट्रैक्टर के लिए 15 रुपए प्रतिदिन, छोटे चारपहिया परिवहन वाहन के लिए 20 रुपए प्रतिदिन तथा भारी व्यावसायिक वाहन या अन्य वाहन के लिए 30 रुपए प्रतिदिन निर्धारित किया गया है.