1st Bihar Published by: Updated Thu, 28 Nov 2019 05:00:21 PM IST
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PATNA : बिहार में लगभग डेढ़ दर्जन से ज्यादा BDO ने पद से इस्तीफा दे दिया. अधिकारियों के ताबड़तोड़ इस्तीफे से सरकार भी हैरान है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इसपर चिंता व्यक्त की. बिहार लोक सेवा आयोग की कठिन परीक्षा में सफल होकर ग्रामीण विकास पदाधिकारी बन रहे युवा अफसर पद से इस्तीफा दे दिए.
प्रखंड विकास पदाधिकारी के इस्तीफे से माना जा रहा है कि युवाओं को अफसरशाही नहीं भा रही है. डेढ़ दर्जन से अधिक BDO ने अपनी नौकरी छोड़ दी. बिहार के काबिल युवाओं को अधिकारी बनने से ज्यादा प्रोफेसर बनना पसंद है. मौका मिलते ही युथ ऑफिसर पद से इस्तीफा दे रहे हैं. इस्तीफे के बाद ये अफसर ऐकडेमिक फिल्ड में जाना पसंद कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी या कालेज में प्रोफेसर बनना वे ज्यादा पसंद कर रहे हैं. पीजी के साथ नेट और पीएचडी की उपाधि होने पर विश्वविद्यालय शिक्षक बनने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
2019 में 20 से अधिक प्रखंड विकास पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है. जिसमें श्रीमती हुस्न आरा, तौकीर हाशमी, रुपेंद्र कुमार झा, पंकज कुमार, रतन कुमार दास, अमरेश कुमार, श्रीमती आरुप और मारकंडेय राय जैसे अधिकारी शामिल हैं. इनमें ज्यादातर लोग किसी न किसी प्रखंड में पदाधिकारी थे, जो अब असिस्टेंट प्रोफेसर में बहाल हो गए. नौकरी छोड़ने पर उन्हें आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ी. उनपर राज्य सरकार ने जो कुछ खर्च किया था, उसकी वसूली की गई.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार एक्सेप्ट करते हुए कहा कि प्रखंड अधिकारियों पर काम का बोझ अधिक है. सरकार कोशिश कर रही है कि कार्यबल बढे, लेकिन इसमें थोड़ा समय लगेगा. बीपीएससी ने दो किस्तों में 35 ग्रामीण विकास पदाधिकारियों की बहाली की अनुशंसा की है. पदाधिकारियों की रिक्तियां जल्द भर दी जाएंगी.