बिहार में 12 पुलों के ध्वस्त होने के बाद सरकार का दावा: बेहद पुराने पुल गिरे हैं फिर भी 18 इंजीनियरों और ठेकेदार पर कार्रवाई

बिहार में 12 पुलों के ध्वस्त होने के बाद सरकार का दावा: बेहद पुराने पुल गिरे हैं फिर भी 18 इंजीनियरों और ठेकेदार पर कार्रवाई

PATNA: बिहार में पिछले 15 दिनों में एक दर्जन पुल गिरने के बाद सरकार की नींद खुली है। राज्य सरकार ने आज प्रेस कांफ्रेंस बुला कर सफाई दी-बिहार में 12 नहीं सिर्फ 9 पुल गिरे हैं. इसमें से 6 बेहद पुराने पुल थे तो बाकी के तीन पुल  बनने के दौरान ही गिर गये. सरकार ने कहा-इसके बावजूद कार्रवाई की गयी है. 18 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है. ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. जितने पुल गिरे हैं उन्हें ठेकेदारों के पैसे पर फिर से बनवाया जायेगा.


सफाई देने के लिए अधिकारियों को उतारा

बता दें कि बिहार में पिछले 15-20 दिनों में एक दर्जन पुल गिर गये हैं. इससे देश भर में बिहार की भारी फजीहत हुई है. इसके बाद मुख्यमंत्री ने दो दिन पहले बैठक की और अधिकारियों को पुराने दिशा-निर्देश दुहरा कर औपचारिकता पूरी कर ली थी. सीएम की बैठक पर भी जब सवाल उठे तो अधिकारियों को आगे कर सफाई दिलवायी गयी है. शुक्रवार को बिहार के विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद और दूसरे आलाधिकारियों ने पुलों के गिरने और बहने पर सफाई दी. 


एक दिन में आधा दर्जन पुल गिरे

विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने मीडिया को बताया कि 3 से 4 जुलाई के बीच सिवान और सारण जिले में छाड़ी/गंडकी नदी पर बने 6 पुल गिर गये. विकास आयुक्त ने कहा कि ये सारे पुल बेहद पुराने थे फिर भी लापरवाही सामने आयी है. दरअसल राज्य सरकार छाड़ी/गंडकी नदी का जीर्णोद्धार करा रही है. करीब 170 किलोमीटर लंबी इस नदी को 19 मीटर चौड़ा और 3 मीटर गहरा किया जा रहा है. इसके लिए नदी से गाद निकाला जा रहा है. 


विकास आयुक्त ने कहा कि जब इस नदी पर बने 6 पुल ढह गये तो इसकी जांच करायी गयी. इसमें पाया गया कि नदी से गाद निकालने के दौरान उस पर बने पुल-पुलियों को सुरक्षित रखने का कोई इंतजाम नहीं किया गया था. नदी से गाद निकालने का काम जल संसाधन विभाग करा रहा है. विभाग के इंजीनियरों के साथ साथ ठेकेदारों की लापरवाही के कारण नदी पर बने 6 पुल एक साथ ध्वस्त हो गये. 


सिंचाई विभाग के 11 इंजीनियर सस्पेंड

विकास आय़ुक्त चैतन्य प्रसाद ने कहा कि एक दिन में 6 पुल ध्वस्त के मामले में सिंचाई यानि जल संसाधन के विभाग के 11 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया गया है. इनमें सिवान के कार्यपालक अभियंता अमित आनन्द और कुमार ब्रजेश, सहायक अभियंता राजकुमार,  चन्द्रमोहन झा, सिमरन आनन्द, नेहा रानी के अलावा कनीय अभियंता  मो० माजिद, रवि कुमार रजनीश, रफीउल होदा अंसारी, रतनेश गौतम और प्रभात रंजन शामिल हैं. विकास आयुक्त ने कहा कि जहां कहीं भी पुल गिरा है, वहां नये पुल का निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए पुल निर्माण निगम से संपर्क साधा गया है. पुल बनाने का खर्चा उस ठेकेदार से वसूला जायेगा जो नदी से गाद निकालने का काम कर रहा था. 


बड़े पुल ग्रामीण कार्य विभाग के गिरे

विकास आयुक्त ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से बनाये जा रहे तीन पुलों के गिरने की बात सामने आयी है. 18, जून को अररिया में पुलिया क्षतिग्रस्त हुआ हैं. इसकी जांच के बाद क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण कार्य में कर्तव्यहीनता बरतने के आरोप में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार और आशुतोष कुमार रंजन, कनीय अभियंता वीरेन्द्र प्रसाद और मनीष कुमार को निलंबित कर दिया गया है. पुल बना रहे ठेकेदार को काली सूची में डालने की कार्रवाई की जा रही है. ठेकेदार को दिये गये पैसे की वसूली की जा रही है और उसके सारे काम के लंबित भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है.


बदमाशों ने पुल गिरा दिया

विकास आयुक्त ने कहा कि 23, जून को पूर्वी चम्पारण के घोड़ासहन प्रखण्ड में निर्माणाधीन पुल क्षतिग्रस्त हुआ हैं. इसमें स्थानीय पदाधिकारियों ने रिपोर्ट दी है कि असामाजिक तत्वों ने पुल की शटरिंग के साथ निर्माणाधीन पुल को क्षतिग्रस्त कर दिया था. इस संबंध में में घोड़ासाहन थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी है. स्थानीय पुलिस प्राथमिकी के आधार पर कार्रवाई कर रही है. 


इंजीनियरों पर भी कार्रवाई

विकास आयुक्त ने कहा कि बारिश के मौसम के कारण 15 जून के बाद सारे निर्माण कार्य बंद रहते हैं. लेकिन 15 जून के बाद पुल का काम कराने और निर्माण कार्य के सुपरविजन में कमी बरतने के कारण संबंधित कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता को निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है. 


वहीं, 26, जून को मधुबनी में निर्माणाधीन पुल का एक गार्डर ध्वस्त हो गया. इसमें जांच दल का गठन कर क्षतिग्रस्त पुल की जांच कराई गयी है. जांच दल ने पाया कि कार्यपालक अभियंता औऱ सहायक अभियंता ने ठेकेदार को पत्र भेजकर मानसून के बाद पुल का निर्माण करने को कहा था. लेकिन ठेकेदार ने काम चालू रखा. पदाधिकारियों द्वारा दिये गये निदेशों की अवहेलना करने के आरोपी ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है. उसके खर्च पर नया गार्डर बनवाया जायेगा. वहीं पुल निर्माण की सही से मॉनिटरिंग नहीं करने के आऱोप में कनीय अभियंता पवन कुमार राम के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.