बिहार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं, मुफ्त की योजनाओं से बढ़ रहीं मुश्किलें

बिहार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं, मुफ्त की योजनाओं से बढ़ रहीं मुश्किलें

PATNA : भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार बिहार देश के उन 10 राज्यों में एक है, जिन पर कर्ज और ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. बावजूद इसके सरकार मुफ्त वाली योजनाएं और बिजली कंपनियों को सब्सिडी दे रही है. सरकार के मुफ्त वाली योजनाओं से बिहार की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. 


दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने बुलेटिन जारी किया है. आरबीआई के अनुसार बिहार,पंजाब, राजस्थान, केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की वितीय स्थिति ठीक नही है. इन राज्यों पर कर्ज लगातार बढ़ती जा रही है. बिहार समेत इन राज्यों के कर्ज में बढ़ोतरी का सबसे बड़ी समस्या मुफ्त योजनाओं को बताया गया है. बावजूद इसके सरकार ने द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी को बदस्तूर जारी है. 


कोरोना के बाद 2 राज्यों की वित्तीय स्थिति पर केंद्रित यह अध्ययन आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा की अगुवाई में अर्थशास्त्रियों की एक टीम ने किया है. रिपोर्ट में चौकाने वाला तथ्य यह है कि देश के सभी राज्यों का जितना कुल बजट है, उसका आधा हिस्सा दस राज्यों पर कर्ज है. रिपोर्ट सामने आने के बाद इन राज्यों को मुफ्त योजनाओं से बचने की सलाह दी गई है. 


बिहार सरकार ने वर्ष 2022-23 में सशक्त महिला, समक्ष महिला योजना के तहत 900 करोड़, मुख्यमंत्री साइकिल व पोशाक योजना के तहत 550 करोड़ का प्रावधान किया गया है. हालांकि बिहार में अन्य राज्यों की तुलना में सब्सिडी और मुफ्त वाली योजनाओं के लिए निर्धारित राशि कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों की कमाई के अनुपात में खर्च काफी बढ़ गया है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों की कमाई के अनुपात में खर्च काफी बढ़ गया है. मुफ्त और सब्सिडी वाली योजनाओं के कारण कर्ज और ब्याज अदायगी का बोझ बढ़ता जा रहा है. यह तब है जब कोरोना महामारी की वजह से राज्यों की अपनी कमाई घटी है. कई राज्य तो बिजली वितरण कंपनियों के बकाए नहीं चुका पा रहे, जबकि सब्सिडी पर उनकी देनदारी और बढ़ रही है.