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बिहार की चार padma shri हस्तियों को उद्योग मंत्री ने किया सम्मानित, राज्य की लोक कलाकृतियों के लिए संग्रहालय बनाने का ऐलान

1st Bihar Published by: Updated Fri, 19 Nov 2021 06:37:27 PM IST

बिहार की चार padma shri हस्तियों को उद्योग मंत्री ने किया सम्मानित, राज्य की लोक कलाकृतियों के लिए संग्रहालय बनाने का ऐलान

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PATNA: शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा जब बिहार की 4 पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त हस्तियां एक साथ, एक मंच पर नजर आईं। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मधुबनी पेंटिंग और छापा कला में पद्मश्री प्राप्त इऩ हस्तियों को अंगवस्त्र और मधुबनी पेंटिग की कलाकृतियां भेंट कर सम्मानित किया। 


पटना के बिहार म्यूजियम में आयोजित कार्यक्रम में उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने पद्मश्री हस्तियों को सम्मानित करते हुए कहा कि ये बिहार के लिए अत्यंत गौरव का और ऐतिहासिक पल है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए भी ये बड़ा सौभाग्य है कि आज एक मंच पर एक साथ 4 पद्मश्री हस्तियों को सम्मानित करने का मौका उन्हें मिला है। 


उन्होंने कहा कि पद्मश्री दुलारी देवी, पद्मश्री बौआ देवी, पद्मश्री गोदावरी दत्त और प्रोफेसर श्याम शर्मा ने बिहार के साथ साथ सभी देशवासियों का मान बढ़ाया है। इनकी वजह से बिहार की लोक परंपराओं को, लोक कलाकृतियों को अद्भुत ख्याति मिली। उन्होंने कहा कि ये बिहार के लिए गौरव की बात है कि मिथिला कला देश की एकमात्र ज्ञात लोककला शैली है जिसके सर्वाधिक 7 कलाकार देश के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार से सम्मानित हैं और उनमें से 4 पद्मश्री से सम्मानित कलाकार आज इस मंच मौजूद हैं ।


मौका उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रकाशित, निदेशक और वरिष्ठ कला लेखक अशोक कुमार सिन्हा द्वारा लिखित पुस्तक 'नाज़-ए-मिथिला' के लोकार्पण का था । बिहार म्यूजियम में आयोजित कार्यक्रम में उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने पद्मश्री दुलारी देवी, पद्मश्री बौआ देवी, पद्मश्री गोदावरी दत्त और पद्मश्री प्रोफेसर श्याम शर्मा के साथ 'नाज़-ए-मिथिला' पुस्तक का लोकार्पण किया। इस मौके पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा, बीजेपी प्रदेश महिला मोर्चा की अघ्यक्ष लाजवंती झा के साथ बिहार की प्रतिष्टित मधुबनी पेंटिंग और अन्य लोक कलाकृतियों को आगे बढ़ाने वाले कई कलाकार और अऩ्य लोग मौजूद रहे। 


बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनकी हर कोशिश का मकसद बिहार और बिहार की धरोहरों को आने बढ़ाना होता है। उन्होंने कहा कि मधुबनी पेंटिंग की पहचान देश दुनिया में है लेकिन ये और आगे बढ़े इसके लिए भी वो लगातार कोशिश करते हैं। उऩ्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर लगने वाले 75 मेलों में बिहार के पारंपरिक उद्योगों द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रमुखता से बढ़ावा दिया जाएगा । उऩ्होंने कहा इन मेलों में बिहार की लोककला की मिसाल पेश करने वाली मधुबनी पेंटिंग की कृतियां भी प्रदर्शित की जाएगी। 


बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने ऐलान किया कि बिहार की लोक कलाकृतियों के लिए एक संग्रहालय बनेगा जिसके जरिए मधुबनी या मिथिला पेंटिंग से लेकर बिहार की सभी पारंपरिक लोककृतियों को बढ़ावा दिया जाएगा।


बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कार्य़क्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बिहार की लोक कला शैली को मिथिलांचल के घर आंगन से निकालकर राष्ट्रीय और अँतर्राष्ट्रीय ख्याति दिलाने वाले विलक्षण कलाकार और कलाविद भास्कर कुलकर्णी की भी चर्चा की और कहा कि 'नाज़-ए-मिथिला' जैसे पुस्तकों की सख्त जरुरत है जिससे कि लोगों को अत्यंत समृद्ध मिथिला चित्रकला के विकास और विस्तार की झलक मिल सके। 


बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट अतिथियों पद्मश्री दुलारी देवी, पद्मश्री बौआ देवी, पद्मश्री गोदावरी दत्त और प्रोफेसर श्याम शर्मा का हार्दिक आभार व्यक्त किया और कहा कि बिहार में नए उद्योगों की स्थापना से लेकर बिहार के पारंपरिक उद्योगों या पारंपरिक लोककलाकृतियों को भी मजबूत करने की काफी उम्मीद उनसे है और लोगों की उम्मीदों को अपनी जिम्मेदारी मानते हुए प्रयत्नशील हैं।