PATNA : साहित्य अकादमी ने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा कर दी है. बिहार की हिंदी कवयित्री अनामिका और मैथिली रचनाकार कमलकांत झा को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा. कवयित्री अनामिका को यह सम्मान उनकी हिंदी कविता संग्रह टोकरी में दिगंत : थेरीगाथा के लिए दिया गया है. जबकि प्रसिद्ध साहित्यकार कमलकांत झा को पुरस्कार मिला है.
अनामिका और कमलकांत झा को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शुभकामनाएं दी. नीतीश कुमार ने कहा कि हिंदी कवयित्री अनामिका और मैथिली रचनाकार कमलकांत झा को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिलना बिहार के लिए बहुत ही गौरव की बात है. बिहार की बेटी को हिंदी का सर्वोच्च सम्मान मिलना आधी आबादी को प्रेरणा प्रदान करेगा. नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार से ताल्लुक रखने वाले दोनों रचनाकारों की उपलब्धि पर संपूर्ण बिहारवासियों को आप पर गर्व है.
हिंदी में कविता संग्रह के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली ये देश की पहली महिला साहित्यकार हैं. मुजफ्फरपुर में जन्मी और पली-बढ़ी अनामिका को साहित्य का सर्वोच्च सम्मान दिया जाना शहर सहित पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है. ये दिनकर और अरुण कमल के बाद बिहार की तीसरी साहित्ण्यकार हैं जिन्हें हिंदी के लिए साहित्य अकादमी मिला है. हिंदी कविता में योगदान के लिए अनामिका को राजभाषा परिषद् पुरस्कार, साहित्य सम्मान, भारत भूषण अग्रवाल व केदार सम्मान मिल चुके हैं.
मधुबनी निवासी प्रसिद्ध साहित्यकार कमलकांत झा को साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिये चयनित किया गया है. इनकों इनके प्रसिद्ध पुस्तक ''गाछ रूसल अछि '' के लिये यह पुरस्कार मिला है. कमलकांत झा को इस पुरस्कार की घोषणा होते ही जिले भर के साहित्यप्रेमियों में खुशी की लहर है. कमलकांत झा को बधाई देने का दौर जारी है. जयनगर सुभाष चौक स्थित अपने आवास पर कमलकांत झा ने बताया कि इससे पूर्व 1965 में उनके द्वारा लिखी गयी नाटक ''घटकैती '' काफी लोकप्रिय हुआ था.