बिहार पंचायत चुनाव: BJP विधायक की पत्नी की जबरदस्त हार, हाथ से गई जिला परिषद की कुर्सी

बिहार पंचायत चुनाव: BJP विधायक की पत्नी की जबरदस्त हार, हाथ से गई जिला परिषद की कुर्सी

PATNA : बिहार में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भारतीय जनता पार्टी के नेताओं एक लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं रहा है. बिहार सरकार के मंत्री सम्राट चौधरी की भाभी मुखिया का चुनाव हारी. इसके बाद बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी के भाई रवि कुमार उर्फ पिन्नू बेतिया चनपटिया के जिला परिषद से चुनाव हार गए. इसबार बीजेपी विधायक की पत्नी जिला परिषद की सीट गंवा बैठी हैं. चुनावी में उन्हें करारी शिकस्त मिली है.


बिहार में पंचायत चुनाव के लिए तीसरे चरण में 35 जिलों के 50 प्रखंडों के लिए शुक्रवार को डाले गए वोटों की आज मतगणना जारी है. कड़ी सुरक्षा के बीत सभी मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती की जा रही है. वैशाली जिले के पातेपुर सीट से बीजेपी के विधायक लखेंद्र कुमार रौशन उर्फ़ लखेंद्र पासवान की पत्नी मनीषा कुमारी जंदाहा प्रखंड में क्षेत्र संख्या 29 से जिला परिषद का चुनाव हार गई हैं. फर्स्ट बिहार झारखंड को ये जानकारी खुद बीजेपी के विधायक लखेंद्र कुमार रौशन उर्फ़ लखेंद्र पासवान ने दी है. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी इसबार चुनाव में नहीं निकल पाईं और अपनी सीट हार बैठीं. भाजपा एमएलए ने बताया कि उनकी पत्नी दूसरे नंबर पर है. 



वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड में क्षेत्र संख्या 29 जिला परिषद का चुनाव हारने वाली मनीषा कुमारी दूसरे नंबर पर हैं. मनीषा यहां से जिला पार्षद थीं. लेकिन वो चुनाव में हार गईं. विधायक की पत्नी को रागिनी कुमारी ने हराया है. रागिनी कुमारी ने करीब दो हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है. गौरतलब हो कि यहां तृतीय चरण में चुनाव हुआ था. इस क्षेत्र में 8 अक्टूबर को मतदान हुआ, जिसका रिजल्ट आज आया है. 



आपको बता दें कि जंदाहा प्रखंड के 13 पंचायतों के परिणाम घोषित किये जा चुके हैं. खासबात ये है कि इसबार सारे नए चेहरे चुनाव जीतकर आये हैं. जनता ने पुराने चेहरों को बदल दिया है. अभी तक जारी हुए नतीजों पर यदि गौर किया जाए तो मतदाताओं ने युवा चेहरों को मौका दिया है. वहीं कई पुराने दिग्गजों को मात खानी पड़ी है. कई पंचायतों के परिणाम सामने आ गए हैं.



आपको बता दें कि सीतामढ़ी में नानपुर की ददरी पंचायत से बाजपट्टी विधायक मुकेश कुमार यादव की पत्नी रिंकू कुमारी दूसरी बार मुखिया बनी हैं. उन्होंने लगातार दो बार मुखिया बनकर एक रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले कोई मुखिया अपनी सीट बचाने में सफल नहीं हुआ था. इससे पहले 2016 में मुखिया बनी थी. वहीं 2011 में पंचायत चुनाव में बहुरार क्षेत्र से पंसस का चुनाव जीतकर नानपुर की प्रमुख बनी थीं.