PATNA: बिहार के सरकारी डॉक्टरों को वेतन तो फुल मिल रहा है लेकिन वे अस्पतालों में हाजिरी नहीं बनायेंगे. सरकार ने डॉक्टरों को बायोमेट्रिक हाजिरी बनाने को कहा है. इसके खिलाफ डॉक्टर आंदोलन करेंगे. एटेंडेंस नहीं बनाने समेत दूसरी मांगों को लेकर बिहार के सरकारी डॉक्टर दो दिनों तक मरीजों का इलाज नहीं करेंगे. यानि हड़ताल करेंगे.
सरकारी डॉक्टरों के संगठन बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ यानि भासा ने ये एलान किया है. भासा ने कहा है कि राज्य भर के तमाम सरकारी डॉक्टर 16 और 17 अगस्त को काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. उसके बाद 18 और 19 अगस्त को ओपीडी में काम नहीं करेंगे. वे ओपीडी से हड़ताल पर रहेंगे. रविवार को आईएमए हॉल में भासा (बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ) की कोर कमेटी की बैठक में ये फैसला लिया गया.
बायोमीट्रिक हाजिरी का विरोध
सरकारी डॉक्टरों का संगठन बायोमेट्रिक हाजिरी का विरोध कर रहा है. बता दें कि बायोमेट्रिक हाजिरी का मतलब है अंगूठे के चिह्न से अटेनडेंस बनाना. भासा ने कहा है कि सरकार पहले डॉक्टरों के कार्य अवधि का निर्धारण करे और फिर उनके लिए आवास की व्यवस्था करे. तब बायोमेट्रिक हाजिरी की बात करे. डॉक्टरों की मांगों में पति-पत्नी की एक जगह ही पोस्टिंग करने की मांग भी शामिल है. इसके अलावा उन्हें डायनमिक वेतन वृद्धि और नियमित प्रमोशन भी चाहिये.
डॉक्टरों का प्रशिक्षण बंद हो
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने पर रोक लगाने की मांग कर रहा है. संघ ने कहा है कि बिपार्ड में डॉक्टरों को ट्रेनिंग के लिए भेजा जा रहा है लेकिन वहां कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में बिपार्ड में ट्रेनिंग के दौरान चिकित्सकों को उचित अवासीय, भोजन और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित होने के बाद ही अगले बैच को भेजा जाए. ट्रेनिंग के दौरान 12 सरकारी डॉक्टरों पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा है. भासा ने मांग की है कि इन 12 चिकित्सकों पर कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई न हो.
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ भासा ने सेवारत चिकित्सकों के लिए पीजी और डीएनबी में सीट आरक्षित करने की मांग की है. वहीं, डॉक्टरों की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है. संघ ने कहा है कि सारे अस्पतालों और चिकित्सा केंद्र में पुलिस बल की व्यवस्था की जाए और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाये.
अपनी इन्हीं मांगों को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ ने 16 और 17 अगस्त को काम करने के दौरान काली पट्टी बांधकर काम करने का एलान किया है. उसके बाद 18 और 19 अगस्त को ओपीडी का बहिष्कार किया जायेगा. स्वास्थ्य सेवा संघ ने कहा है कि अगर 12 अगस्त तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो कार्य बहिष्कार और ओपीडी बंदी सहित अन्य कठोर निर्णय लेने पर बाध्य होना पड़ेगा.