बिहार के राजभवन का एक और कारनामा: भ्रष्टाचार के आरोप में चार्जशीटेड व्यक्ति को दे दिया मगध विवि. के रजिस्ट्रार का प्रभार

बिहार के राजभवन का एक और कारनामा: भ्रष्टाचार के आरोप में चार्जशीटेड व्यक्ति को दे दिया मगध विवि. के रजिस्ट्रार का प्रभार

PATNA: भ्रष्टाचार के केंद्र बन गये बिहार के विश्वविद्यालयों की कहानी में एक नया पन्ना जुड़ गया है. सूबे के राज्यपाल औऱ विश्वविद्यालयों के चांसलर फागू चौहान ने भ्रष्टाचार के आरोप में चार्जशीटेड व्यक्ति को मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव यानि रजिस्ट्रार का प्रभार सौंप दिया है. खास बात ये है कि खुद राजभवन ने आदेश निकाला था भ्रष्टाचार के इस आरोपी को भविष्य में कभी प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं दी जायेगी. उसी राजभवन से कुलसचिव का प्रभार दिये जाने का आदेश निकला है. 


हम आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के आऱोपी रवि प्रकाश बबलू को जिस मगध यूनिवर्सिटी का रजिस्ट्रार बनाया गया है, वहां करप्शन के बड़े मामले का खुलासा हुआ है. मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव सहित चार अधिकारियों को बिहार की स्पेशल विजलेंस यूनिट ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में जेल भेज दिया है. इस यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के घर समेत दूसरे ठिकानों पर छापेमारी में करोड़ों रूपये बरामद हुए थे. स्पेशल विजलेंस यूनिट ने यूनिवर्सिटी में 30 करोड़ से ज्यादा का घोटाला पकड़ा है. उसके बाद कुलपति को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है लेकिन वे फरार हैं. राजभवन ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपी कुलपति की दो छुट्टी स्वीकृत कर उन्हें गायब रहने की सुविधा दे रखी है. 


भ्रष्टाचार के केंद्र में नये खिलाड़ी की तैनाती

चूंकि मगध यूनिवर्सिटी के कुलसचिव यानि रजिस्ट्रार को निगरानी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लिहाजा राजभवन ने जेपी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव रवि प्रकाश बबलू को मगध विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपने का आदेश जारी कर दिया है. ये वही कुलसचिव हैं जो JP यूनिवर्सिटी छपरा में उत्तर पुस्तिका घोटाला के आरोप में चार्जशीटेड है. राजभवन ने पहले उन्हें उसी यूनिवर्सिटी का कुलसचिव बनाया था. अब उन्हें पुरस्कृत करते हुए MU के कुलसचिव का भी प्रभार दे दिया गया है. राजभवन ने मंगलवार की देर शाम पत्र जारी कर रवि प्रकाश बबलू को मगध यूनिवर्सिटी की अतिरिक्त प्रभार देने की जानकारी दी. 


रामनाथ कोबिंद ने की थी कार्रवाई, फागू चौहान ने पुरस्कृत किया

अब सबसे दिलचस्प बात जानिये. भ्रष्टाचार के जिस आरोपी व्यक्ति को दो-दो यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का प्रभार दिया गया है उसके खिलाफ देश के मौजूदा राष्ट्रपति और बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोबिंद ने कार्रवाई की थी. बिहार सरकार के निगरानी विभाग ने जेपी यूनिवर्सिटी में उत्तर पुस्तिका घोटाले की जांच की थी. निगरानी ने इसकी जानकारी राजभवन को दी थी. इसके बाद तत्कालीन कुलाधिपति रामनाथ कोविंद के आदेश पर राजभवन के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने 10 सितंबर 2015 को रवि प्रकाश बबलू के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप सही पाते हुए अभियोजन की स्वीकृति दी थी. उस समय रवि प्रकाश बबलू जेपी यूनिवर्सिटी में महाविद्यालय परिषद के समायोजक के पद पर थे. यही नहीं राजभवन के आदेश पर रवि प्रकाश बबलू को उस समय निलंबित भी कर दिया गया था. राजभवन ने तब ये भी आदेश दिया था कि बबलू का स्थानांतरण कर दिया जाये और उन्हें भविष्य में कोई भी प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं दी जाए. 


जेपी यूनिवर्सिटी में घोटाले के जिस आरोप में बबलू फंसे हैं उसी आरोप में यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति प्रो द्विजेंद्र गुप्ता को बर्खास्त कर दिया गया था. रवि प्रकाश बबलू के खिलाफ एक और गंभीर मामला दर्ज है.  उनके खिलाफ जांच से संबंधित अहम दस्तावेज गायब करने का का मुकदमा भी चल रहा है. ऐसे गंभीर मामलों के आऱोपी रवि प्रकाश बबलू को उसी राजभवन ने जेपी विश्विवद्यालय छपरा के अलावा एमयू के कुलसचिव का प्रभार सौंप दिया है.