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बिहार के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार का निधन, हैदराबाद से पटना लाया गया पार्थिव शरीर, पटना एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि

1st Bihar Published by: ASMIT Updated Wed, 19 May 2021 11:48:29 AM IST

बिहार के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार का निधन, हैदराबाद से पटना लाया गया पार्थिव शरीर, पटना एयरपोर्ट पर दी गई श्रद्धांजलि

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PATNA: बिहार के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात कुमार का कोरोना से मंगलवार को निधन हो गया। हैदराबाद के किम्स हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली।आज उनका पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट लाया गया। जहां आईएमएम अध्यक्ष डॉ. सहजानंद  समेत बिहार के कई डॉक्टरों ने निधन पर शोक जताया और श्रद्धांजलि दी। डॉ. प्रभात के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। निधन पर शोक जताते हुए डॉ. सहजानंद ने कहा कि उनका जाना अपूर्णीय क्षति है।


डॉ. प्रभात लगभग एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हो गये थे. उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. 8 दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी थी. इसके बाद उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था. हैदराबाद के अस्पताल में इलाज के बाद उनकी तबीयत थोड़ी सुधरी थी. लेकिन लंग्स में इंफेक्शन काफी ज्यादा था. लिहाजा दो-तीन दिन बाद ही तबीयत फिर से बिगड़ने लगी। कोरोना के संक्रमण के बाद डॉ. प्रभात कुमार के लंग्स ने काम करना बंद कर दिया था। उनका इलाज लगातार जारी था लेकिन मंगलवार को हैदराबाद के किम्स हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांसे ली।  


पिछले 24 साल से प्रैक्टिस कर रहे डॉ प्रभात ने 1997 में दिल्ली राम मनोहर लोहिया अस्पताल से नौकरी की शुरूआत की थी. कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद वे पटना आ गये थे औऱ यहीं प्रैक्टिस शुरू कर थी. कुछ दिनों में वे पटना के सबसे प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ बन गये. उनसे इलाज के लिए इतनी भीड़ होती थी कि मरीजों को महीनों पहले नंबर लगाना पड़ता था. डॉ प्रभात समाज सेवा के कामों से भी जुड़े थे औऱ गरीबों का मुफ्त इलाज भी करते थे. 


डॉ प्रभात ने बिहार में एंजियोप्लास्टी की शुरूआत की थी. उससे पहले एंजियोप्लास्टी के लिए बिहार के लोगों को दिल्ली या दूसरे बड़े महानगरों में जाना पडता था. डॉ प्रभात ने पटना के हार्ट अस्पताल में इसकी शुरूआत की. बाद में पटना के राजेंद्र नगर में हृदय रोग के अस्पताल मेडिका हार्ट इंस्टीच्यूट को स्थापित करने में भी डॉ प्रभात की बड़ी भूमिका रही।