बिहार के महागठबंधन में बड़ा खेला होगा: I.N.D.I.A की बैठक में नीतीश की लालू-तेजस्वी से दुआ सलाम तक नहीं, RJD-JDU में भारी खटपट

बिहार के महागठबंधन में बड़ा खेला होगा: I.N.D.I.A की बैठक में नीतीश की लालू-तेजस्वी से दुआ सलाम तक नहीं, RJD-JDU में भारी खटपट

DESK: मंगलवार को दिल्ली में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन I.N.D.I.A की बैठक हुई. कहा गया था कि इस बैठक में अगले लोकसभा में चुनाव में विपक्षी पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर चर्चा होगी. लेकिन खेल उल्टा होता नजर आ रहा है. सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है, वह चौंका देने वाला है. दिल्ली के अशोका होटल में हुई I.N.D.I.A की बैठक में नीतीश कुमार की लालू यादव और तेजस्वी यादव से सही से दुआ सलाम तक नहीं हुई. लालू यादव के पास बैठे नीतीश कुमार खामोशी से दूसरी ओर देखते रहे. 


वैसे ही पिछले कई दिनों से राजद औऱ जेडीयू के बीच भारी तनातनी के स्पष्ट संकेत मिल रहे थे. आलम ये था कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के कार्यक्रमों में शामिल होना छोड़ रखा है. 10 दिनों से तेजस्वी यादव वैसे सभी कार्यक्रमों का बहिष्कार किया है, जिसमें नीतीश कुमार शामिल हुए हैं. अखबारों में बिहार सरकार द्वारा छपवाये गये विज्ञापनों में तेजस्वी यादव का नाम छपता रहा. लेकिन तेजस्वी अपने ही विभागों के उन कार्यक्रमों से गायब रहे, जिसमें नीतीश कुमार को जाना था.


I.N.D.I.A की बैठक में क्या हुआ?

दिल्ली में मंगलवार की शाम I.N.D.I.A की बैठक में शामिल हुए एक नेता से फर्स्ट बिहार ने बात की. उन्होंने पुष्टि की कि बैठक में किसी भी समय नीतीश कुमार औऱ लालू प्रसाद यादव-तेजस्वी यादव आपस में बात करते नहीं दिखे. उन्होंने बताया कि बैठक में सीटिंग अरेजमेंट पहले से तय थी. नीतीश कुमार को लालू यादव की बगल में सीट दिया गया था. तेजस्वी की सीट थोड़ी दूरी पर थी. 


I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक शुरू होने से पहले ही लालू यादव और तेजस्वी यादव अपने दो नेताओं मनोज झा और संजय यादव के साथ पहुंच गये थे. वे मीटिंग हॉल में पहुंच कर अपनी जगह पर बैठ गये. नीतीश कुमार अपने अमले के साथ बैठक शुरू से ठीक पहले पहुंचे. उनके साथ ललन सिंह औऱ संजय झा थे. नीतीश और उनकी पार्टी के नेता दूर से ही दुआ सलाम करते हुए अपनी सीट पर जाकर बैठ गये. बैठक के दौरान नीतीश कुमार पूरी तरह शांत रहे. वे चुपचाप वहां हो रही बातचीत को सुनते रहे. सिर्फ एक मौके पर उन्होंने दो लाइन बोला.


सोमवार से ही दिख रही थी दूरी

वैसे नीतीश की लालू-तेजस्वी से दूरी सोमवार से ही दिख रही थी. इससे पहले जब मुंबई में हुई थी तो नीतीश कुमार, लालू यादव और तेजस्वी यादव साथ गये थे. I.N.D.I.A की इस बैठक के लिए सोमवार को दोनों कैंप अलग अलग रवाना हुए. लालू और तेजस्वी सोमवार की सुबह ही पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गये थे. नीतीश कुमार सोमवार की शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गये. कल शाम से ही ये सारे नेता दिल्ली में थे. लेकिन सोमवार से लेकर मंगलवार की बैठक तक नीतीश की लालू-तेजस्वी से कोई बात नहीं हुई.


प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अशोक होटल में I.N.D.I.A की बैठक खत्म होने के बाद भी लालू-तेजस्वी अपनी पार्टी के नेताओं के साथ निकले और रवाना हो गये. वहीं, नीतीश कुमार भी कुछ देर बाद अपनी पार्टी के नेताओं के साथ वहां से रवाना हो गये. कुछ देर बाद प्रेस कांफ्रेस होनी थी. इसमें गठबंधन के कई दल के नेता शामिल हुए लेकिन बिहार के जेडीयू और राजद का कोई नेता मौजूद नहीं था.


10 दिनों से हो रहा है खेला

जेडीयू और राजद के बीच ये खेला पिछले 10 दिनों से चल रहा है. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पिछले 10 दिसंबर को एक साथ दिखे थे. वह भी तब जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना में पूर्वी क्षेत्र के राज्यों की बैठक में शामिल होने आये थे. उस बैठक में नीतीश और तेजस्वी साथ नजर आये थे. उसके बाद तेजस्वी यादव अपने मुख्यमंत्री के हर कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं.


ऐसे बढ़ रहा है विवाद

अब क्रमवार समझिये कि बिहार में कौन सा खेल चल रहा है. 12 दिसंबर को पूर्वी चंपारण के केसरिया बौद्ध स्तूप में पर्यटन विभाग का कार्यक्रम था. सरकार ने अखबारों में विज्ञापन छपवाया कि इस कार्यक्रम में नीतीश और तेजस्वी दोनों मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम भी पर्यटन विभाग का था, जिसके मंत्री खुद तेजस्वी यादव हैं. लेकिन तेजस्वी यादव अपने ही विभाग के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.


13 को फिर से वही नजारा

13 दिसंबर को सीतामढ़ी में पुनौरा धाम मंदिर में विकास कार्यक्रमों का शिलान्यास होना था. ये कार्यक्रम भी पर्यटन विभाग का था, जिसके मंत्री तेजस्वी यादव हैं. सरकार ने फिर से विज्ञापन छपवाया कि इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव दोनों मौजूद रहेंगे. लेकिन तेजस्वी कार्यक्रम में नहीं गये. उसी दिन पूर्व मंत्री स्व. रघुनाथ झा और शिवहर सर्किट हाउस के उद्घाटन का भी कार्यक्रम था. कार्यक्रम स्थल पर लगे बैनर में नीतीश के साथ तेजस्वी का नाम भी छपा था लेकिन बिहार के डिप्टी सीएम उस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए.


डिप्टी सीएम ने इन्वेस्टर्स मीट का बहिष्कार किया

सबसे बड़ा खेल 13 और 14 दिसंबर को पटना में हुए इन्वेस्टर्स मीट में हुआ. बिहार सरकार ने इस कार्यक्रम को लेकर बड़ी बड़ी बातें की थी. सरकार द्वारा तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 दिसंबर को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को देश-विदेश से जुटे उद्योगपतियों के साथ बातचीत का एक सेशन करना था. लेकिन तेजस्वी यादव वहां पहुंचे ही नहीं. 14 दिसंबर को फिर अखबारों में विज्ञापन छपा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्योगपतियों को संबोधित करेंगे और तेजस्वी यादव भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. लेकिन तेजस्वी यादव ने 14 दिसंबर को भी इनवेस्टर्स मीट का बहिष्कार कर दिया.


15 को नीतीश को आइना दिखाया

बता दें कि 13-14 को पटना के ज्ञान भवन में हुआ इन्वेस्टर्स मीट उद्योग विभाग का कार्यक्रम था. उद्योग विभाग राजद के कोटे में है. लेकिन तेजस्वी अपने ही कोटे के विभाग के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. 15 दिसंबर को उन्होंने अलग मैसेज दे दिया. देश-विदेश के उद्योगपतियों की जुटान का बहिष्कार करने वाले तेजस्वी यादव 15 दिसंबर को एक आईटी कंपनी के छोटे से ऑफिस का उद्घाटन करने पहुंच गये. तेजस्वी यादव ने बिना कहे ही ये संदेश दे दिया कि उन्हें सिर्फ नीतीश कुमार के कार्यक्रम से परहेज है.


ऐसा ही खेल 16 दिसंबर को देखने को मिला. 16 दिसंबर को नीतीश कुमार पटना के पीएमसीएच का निरीक्षण करने पहुंचे. पीएमसीएच के नये भवन का निर्माण हो रहा है, नीतीश कुमार पहले से कार्यक्रम तय करके वहां गये थे. ये स्वास्थ्य विभाग का कार्यक्रम था, जिसके मंत्री तेजस्वी यादव हैं. लेकिन इस कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ही नहीं पहुंचे. उसी दिन नीतीश कुमार ने अशोक राजपथ में बन रहे डबल डेकर पुल का निरीक्षण किया. ये पथ निर्माण विभाग का काम है. इस विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव हैं. तेजस्वी इसमें भी गैरहाजिर रहे.


18 दिसंबर को नीतीश कुमार ने जनता दरबार लगाया. इस जनता दरबार में जिन विभागों की समस्याओं को सुना जाना था, उसमें पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य और पर्यटन विभाग शामिल था. इन तीनों विभागों के मंत्री तेजस्वी यादव हैं. तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शामिल होने के बजाय दिल्ली रवाना हो गये. 


आगे खेला होगा?

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या बिहार के महागठबंधन में अब बड़ा खेल होने जा रहा है. आसार इसके ही नजर आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक लालू और तेजस्वी अब नीतीश कुमार पर दबाव बना रहे हैं. दबाव मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने से लेकर अगले लोकसभा चुनाव में जेडीयू को 7-8 सीटों पर सिमटा देने का है. लेकिन नीतीश अड़ गये हैं. ऐसे में आगे क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा.