बिहार के जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग की कवायद, औरंगाबाद-भभुआ-जमुई में बनाए गये कैंप जेल

बिहार के जेलों में सोशल डिस्टेंसिंग की कवायद, औरंगाबाद-भभुआ-जमुई में बनाए गये कैंप जेल

PATNA : बिहार में कोरोना के बढ़ रहे खतरे के बीच जेलप्रशासन इससे निपटने की कवायदों में जुट गया है। जेल के अंदर कोरोना की बीमारी नहीं फैले इसके लिए कई एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। इसके मद्देनजर औरंगाबाद, भभुआ और जमुई में कैंप जेल बनाए गये हैं। जेल प्रशासन जेलों में भीड़भाड़ न हो और नये कैदी क्वारंटीन पीरियड पूरा किए बगैर कैदियों तक न पहुंच सके इसके लिए तैयार है ।


बिहार सरकार ने तीन जिलों में कैंप जेल बनाया है। औरंगाबाद, भभुआ और जमुई जिले में कैंप जेल बनाए गये हैं। निर्माणाधीन जेलों को कैंप जेल में अधिसूचित किया गया है। तीनों जगह नये जेल बनाए जा रहे हैं। इनका काम लगभग पूरा हो चुका है पर अभी इन्हें जेल प्रशासन को नहीं सौंपा गया है। कोरोना महामारी के मद्देनजर फिलहाल इन इमारतों को कैंप जेल के तौर पर इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है।


औरंगाबाद, भभुआ और जमुई में बनाए गये कैंप जेल में क्षमता एक-एक हजार कैदियों को रखने की है। बिहार में 59 जेल हैं। इनकी क्षमता 44920 कैदियों को रखने की है। कुछ दिनों पहले तक इन जेलों में 40 हजार कैदी थे। कैंप जेलों को जोड़ दे तो क्षमता करीब 48 हजार हो जाएगी।जेल आईजी मिथिलेश मिश्र बताते हैं कि जिन कैंप जेलों में अभी कैदियों को नहीं रखा गया है। जरूरत के मुताबिक उनका इस्तेमाल होगा। बिहार के नौ जेलों में क्षमता से कहीं ज्यादा कैदी मौजूद थे। कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने कैदियों को स्थानांतरित किया है जहां क्षमता से कम कैदी थे। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है।