दरभंगा में बड़ा हादसा : नाव पर खेलते हुए एक दर्जन बच्चे पोखर में डूबे, दो की मौत, दो अन्य की हालत नाजुक

दरभंगा में बड़ा हादसा : नाव पर खेलते हुए एक दर्जन बच्चे पोखर में डूबे, दो की मौत, दो अन्य की हालत नाजुक

DARBHANGA : इस वक्त एक बड़ी खबर बिहार के दरभंगा जिले से सामने आ रही है. नाव पर खेलने के दौरान एक दर्जन बच्चे पोखर में डूब गए हैं. इस हादसे में दो बच्चों की मौत हो गई है. जबकि दो की हालत नाजुक बताई जा रही है. इन्हें इलाज के लिए नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है. 


घटना दरभंगा के प्रखंड क्षेत्र की है, जहां पोहद्दी गांव में रघु पोखर में एक बड़ा नाव हादसा हुआ है. इस हादसे में दो बच्चों की मौत हो गई है. जबकि दो बच्चे की इलाज डीएमसीएच में चल रहा है. स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी श्रवण कुमार साहनी ने बताया कि एक नाव पर 1 दर्जन से अधिक बच्चे रघु पोखर में खेल रहे थे और उछल कूद मचा रहे थे. इसी बीच नाव बीच तालाब में डूब गया. देखते ही देखते सभी बच्चे चिल्लाने लगे और तैरने वाले बच्चे तैरकर इधर-उधर भागने लगे. 


इस बीच शोर मचाने पर और लोग तालाब पर जुट गए और डूबे हुए बच्चे की तलाश शुरू कर दी. जिसमें 4 बच्चे को तालाब से ऊपर किया गया, जिसमें पंकज साफी पिता राजेंद्र साफी और सरोज नायक पिता शिव कुमार नायक, भावेश साहनी पिता उमाशंकर साहनी और राजा साहनी पिता काशी साहनी शामिल था. स्थानीय लोगों की ओर से आनन-फानन में गंभीर रूप से पाए गए पंकज एवं सरोज को तत्काल डीएमसीएच भेज दिया. जबकि भवेश साहनी और राजा सहनी का इलाज स्थानीय स्तर पर की जाने लगी. लेकिन बाद में भावेश का स्थिति बिगड़ने के बाद डीएमसीएच भेज दिया गया. डीएमसीएच में प्रारंभिक इलाज के बाद पंकज साफी और सरोज नायक की मौत हो गई. 


घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक विनय कुमार चौधरी डीएमसीएच पहुंचकर बेहतर इलाज का भरसक प्रयास किया. दूसरी ओर घटना की सूचना मिलते ही अनुमंडल पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा, थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार चौधरी और अंचलाधिकारी भुवनेश्वर झा तालाब पर पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया.  


उधर मृतक बच्चे का शव घर पहुंचते ही दोनों परिवार में कोहराम मच गया है. मृतक सरोज के पिता मुंबई में रहते हैं. घटना की सूचना मिलते ही वह मुंबई से घर की ओर रवाना हो गए हैं. बताया जा रहा है कि मृतक पंकज की माता स्थानीय विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं, जो अपने इकलौते बेटे को खोने के बाद सदमे में हैं.