Bihar Election 2025: विशाल प्रशांत ने 900 करोड़ की विकास परियोजनाओं किया पेश, नितिन गडकरी ने किया विमोचन, कहा- “तरारी बनेगा विकास का मॉडल” Bihar Weather: बिहार में इस दिन से पड़ेगी कड़ाके की सर्दी, IMD ने अभी से किया सावधान Bihar Election 2025: मोकामा में आचार संहिता उल्लंघन का मामला, ललन सिंह और सम्राट चौधरी पर केस दर्ज; अनंत सिंह के समर्थन में निकला था रोड शो Bihar Election 2025: पहले चरण के प्रचार का शोर थमेगा आज , 18 जिलों में 6 नवंबर को वोटिंग; इतने करोड़ मतदाता करेंगे मतदान Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी बेतिया में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर
1st Bihar Published by: Updated Sat, 20 Feb 2021 07:14:46 PM IST
                    
                    
                    - फ़ोटो
PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बैंकों की शिकायत की है. उन्होंने कहा कि बैंक वाले बिहार को उचित लोन नहीं दे रहे हैं. जिसके कारण राज्य का विकास नहीं हो पा रहा है. नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से कहा कि बिहार जैसे जो राज्यों का पैसा जो बैंकों में जमा होता है. वे पैसा विकसित राज्यों में चला जाता है. बिहार का पैसा बिहार में ही देने का प्रावधान किया जाये. यानि कि जो बिहार का पैसा है, वह महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में जा रहा है.
निति आयोग की बैठक में सीएम नीतीश ने पीएम मोदी से आगे कहा कि बिहार का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो बहुत ही कम 36.1 % है. यहां से डिपॉजिट 3.75 लाख करोड़ रुपये रहता है लेकिन बैंकों से मात्र 1.35 लाख करोड़ रुपये का ही लोन दिया जाता है. इसके बारे में हमलोग हमेशा से कहते आ रहे हैं. देश भर में क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो 76.5 प्रतिशत है, कुछ राज्यों का 100 % है.
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि यह भी देख लिया जाये कि बिहार जैसे जो राज्यों का पैसा जो बैंकों में जमा होता है. वे पैसा विकसित राज्यों में चला जाता है. बिहार का पैसा बिहार में ही देने का प्रावधान किया जाये. उन्होंने कहा की बिहार के हर एक पंचायत में बैंक की एक शाखा खोली जाये. इसके लिए राज्य सरकार पंचायत भवन की बिल्डिंग देने को तैयार है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार पूरे देश में उद्योग का बढ़ावा देना चाहती है तो इन बुनियादी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने का प्रयास बहुत जरूरी है. बिहार सरकार भी इसे लेकर पालिसी बनाई है ताकि राज्य में उद्योग को बढ़ावा मिल सके. उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार 15 साल से कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि बिहार एक लैंडलॉक्ड राज्य है. इसके चलते कई प्रकार की दिक्कतें होती हैं. हमलोगों ने 10 साल पहले 2011 में ही कहा था कि उड़ीसा में एक अलग बंदरगाह की सुविधा उपलब्ध करा दी जाये ताकि बिहार से किसी भी चीज को भेजने में सहूलियत हो.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में बिहार ने कई काम शुरू किये. हर घर बिजली पहुंचाने की योजना बनाई और सभी लोगों तक बिजली पहुंचा दी गई. हर घर बिजली पहुंचाने में केंद्र सरकार की भी काफी मदद मिली. उन्होंने कहा कि साल 2018 के अक्टूबर महीने में हर घर बिजली पहुंचा दिया गया. उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए को साल 2005 में काम करने का अवसर मिला. उस समय बिजली की खपत 700 मेगावाट थी. लेकिन 2020 में जून महीने तक बिजली की खपत 5,932 मेगावाट तक पहुंच गई.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार 5 हाजरा करोड़ से भी ज्यादा का अनुदान लोगों को देती है. बिहार के लोगों को कम से कम कीमत पर बिजली पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. बिहार सरकार ने प्री पेड स्मार्ट मीटर लगाना शुरू कर दिया है. अब केंद्र सरकार भी इससे लागू कर रही है. इसके कारण बिजली का दुरूपयोग अब नहीं होगा.
बिजली का दुरुपयोग होने से पर्यावरण पर संकट भी उत्पन्न होता है. इसलिए शुरू से ही बिहार में प्री पेड स्मार्ट मीटर की बात कही है. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के प्लांटों के माध्यम से अलग-अलग राज्यों में बिजली दी जाती है. उसका रेट भी अलग-अलग होता है. इसलिए एक निति बननी चाहिए. यानी कि पूरे देश में 'वन नेशन, वन रेट' होना चाहिए. बिहार को बिजली काफी महंगी मिलती है, जिससे लोगों को राज्य सरकार की ओर से ज्यादा अनुदान देना पड़ता है. पूरे देश के लिए एक निति कर दी जाये, तो ये अच्छा होगा.