Bihar IPS Officers: बिहार से दिल्ली जा रहे 2 आईपीएस अफसर, बिहार सरकार ने किया रिलीज, जानें... Corrupt CO Bihar : बिहार सरकार के भ्रष्ट CO प्रिंस राज के घर छापेमारी में डिग्री फर्जीवाड़ा उजागर, पिता ने क्या कहा? Gaya development News: बिहार के इस जिले में 15.66 करोड़ में 102 योजनाओं का मंत्री ने किया शिलान्यास इस फोरलेन के बनने से कम होगी बिहार से झारखंड की दूरी, इन जिलों को भी मिलेगा फायदा National Herald: नेशनल हेराल्ड पर बोले डिप्टी सीएम सम्राट... “कांग्रेस ने देश को लूटा, आजादी के सेनानियों का किया अपमान” Success Story: बिना कोचिंग के बिहार की बेटी UPSC क्रैक कर बनीं IAS, दूसरे प्रयास में हासिल किया 208 रैंक प्रेमिका से मिलने की सजा: घरवालों ने सेविंग ब्लेड से काटा युवक का प्राइवेट पार्ट, अस्पताल में ज़िंदगी-मौत की जंग Amrit Bharat Station Scheme: अमृत भारत योजना के तहत जमालपुर और नव-निर्मित मुंगेर स्टेशन का डीआरएम मनीष गुप्ता ने किया स्थलीय निरीक्षण Bihar Education News: महिला शिक्षक को परेशान करना शराबी BEO को पड़ा महंगा, पहले जेल फिर निलंबन, जेल से निकलते फिर हुए सस्पेंड Bengal violence: कांग्रेस सांसद का बीजेपी ,आरएसएस पर हमला, कहा... बंगाल की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण, देश में फैलाना चाहते हैं धार्मिक उन्माद
03-Aug-2023 04:38 PM
KHAGARIA : कोसी नदी एक बार फिर अपना कहर बरपा रही है। बेलदौर प्रखंड के इतमादी पंचायत स्थित गांधीनगर में कोसी उग्र रूप से कटाव कर रही है। इसी वजह से कोसी ने प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर के पुराने भवन को पूर्ण रूप से कटाव की जद में ले लिया है। कोसी के तीव्र करंट से विद्यालय भवन क्षतिग्रस्त हो चुका है। धीरे-धीरे विद्यालय भवन नदी में समा रहा है। सबसे बड़ी बात है कि पुराने भवन से कुछ दूर पर ही विद्यालय का नया भवन भी है, जो कभी भी कटाव की जद में आ सकता है।
दरअसल, प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर के पुराने भवन को कोसी नदी में अपने कटाव के जद में ले लिया है ।विभाग का कहना है कि विद्यालय के नए भवन को बचाने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। पुराना विद्यालय भवन कटाव की जद में आ गया था। तीन कमरे वाला भवन अब कटाव से पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर कोसी में समा रहा है। शुक्रवार की सुबह बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो की ओर से यहां फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू कर दिया गया है।
वहीं, प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर के एचएम गोरेलाल राम ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2004-05 में यह भवन बनाया गया था। इस बाढ़- बरसात से पूर्व विद्यालय भवन से 40 फीट की दूरी पर नदी बह रही थी। विद्यालय को बचाने के लिए कई बार विभागीय पदाधिकारी समेत बाढ़ नियंत्रण विभाग को त्राहिमाम संदेश भी भेजा गया, लेकिन परिणाम ढाक का तीन पात ही निकला। विद्यालय का आधा भाग नदी में समा चुका है। चारदीवारी भी नदी में समाता जा रहा है।