बिहार क्रिकेट एसोयिसेशन को दलाली का अड्डा कहिये: BCA पर लगे विधायकों के बेहद गंभीर आरोप, जय शाह के नाम पर हो रहा खेल

बिहार क्रिकेट एसोयिसेशन को दलाली का अड्डा कहिये: BCA पर लगे विधायकों के बेहद गंभीर आरोप, जय शाह के नाम पर हो रहा खेल

PATNA: बिहार में क्रिकेट खेलने वाले लाखों बच्चों का भविष्य कैसे बर्बाद कर दिया गया, इसकी पूरी कहानी अब सामने आने लगी है. बिहार विधानसभा में शुक्रवार को दर्जनों विधायकों ने बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी को सबसे बड़ा दलाल बताते हुए सदन की कमेटी से जांच कराने की मांग की थी. विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण कमेटी को बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के कारनामों की जांच सौंप दी गयी है. इसके बाद बिहार में क्रिकेट की बर्बादी की सारी कहानी सामने आने लगी है. हालांकि बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने सारे आरोपों को नकारा है.


कैसे बर्बाद हुआ बच्चों का भविष्य?

बता दें कि शुक्रवार को बिहार विधानसभा में 14 विधायकों ने बिहार क्रिकेट एसोसियेशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला उठाया था. विधायकों ने सदन की कमेटी से इसकी जांच कराने की मांग की थी. राज्य सरकार ने भी जांच कराने पर सहमति जता दी. इसके बाद बिहार विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण कमेटी को बिहार क्रिकेट एसोसियेशन की जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है. विधायक कह रहे हैं कि इस जांच में बिहार क्रिकेट एसोसियेशन की सारी कारस्तानी सामने आ जायेगी.


क्या है विधायकों का आरोप?

विधायकों ने बिहार क्रिकेट एसोसियेशन पर जो आरोप लगाये हैं, वे बेहद संगीन है.पहला आरोप- 50 लाख रूपये लेकर बाहर के राज्यों के लड़कों को बिहार की तरफ से रणजी ट्रॉफी का मैच खिलाया जाता है. विधायकों का आरोप है कि बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने खिलाड़ियों के सेलेक्शन को अपना कारोबार बना लिया है. 40 से 50 लाख रूपये लेकर दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को बिहार टीम में शामिल किया जाता है. विधायकों का कहना है कि ऐसे ही एक बाहरी प्लेयर अधिराज चौधरी को मोटा पैसा लेकर बिहार की रणजी टीम में शामिल कर लिया गया. उसने पहले मैच में शतक मार दिया. लेकिन इसी बीच पैसे लेने की बात सार्वजनिक हो गयी. लिहाजा उसे आनन फानन में बिहार से भगा दिया गया. आखिरकार शतक मारने वाले प्लेयर को आनन फानन में क्यों बाहर कर दिया गया. 


विधायकों ने कहा है कि किसी राज्य में क्रिकेट टीम के सेलेक्शन की एक प्रक्रिया होती है. जो लड़के अन्तर्जिला यानि जिलों के टीम के बीच होने हेमन ट्रॉफी के मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उनका सेलेक्शन बिहार टीम में होता है. लेकिन बिहार की टीम में अचानक से ऐसे कई खिलाड़ी शामिल कर लिये जाते हैं, जिन्होंने हेमन ट्रॉफी का मैच खेला ही नहीं होता है. विधायक कह रहे हैं कि रातो रात बिहार टीम में शामिल होने वाले ये खिलाड़ी पैसे देकर आते हैं. 


अंडर 23 में भी हुआ खेल

विधायकों ने कहा है कि सिर्फ रणजी ट्रॉफी की टीम में गड़बड़ी नहीं हो रही है. हर टीम में घोटाला हो रहा है. बिहार की अंडर 23 टीम में 15 खिलाड़ियों को चयन कर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में खेलने के लिए भेजा गया. लेकिन रातो रात फिर से 13 और खिलाड़ियों को वहां भेज दिया गया. उनका सेलेक्शन कैसे हुआ, कब हुआ इसकी कोई जानकारी किसी को नहीं दी गयी. 


जिलों के क्रिकेट संघ को छिन्न भिन्न किया

विधायकों के आरोप बेहद गंभीर हैं. बिहार क्रिकेट एसोसियेशन में हो रहे घोटालों को छिपाने के लिए जिला क्रिकेट एसोसियेशन को छिन्न भिन्न कर दिया गया. 22 जिलों में जिला क्रिकेट संघ को भंग कर वहां तदर्थ कमेटी बना दी गयी. ये सब इसलिए किया गया कि घोटालों पर बोलने वाला कोई नहीं रहे. कुछ जिलों में चुनाव कराया गया, लेकिन बंद कमरे में बैठ कर अध्यक्ष, सचिव और दूसरे पदाधिकारियों को चुन लिया गया.


ये कौशल तिवारी कौन है?

विधायकों ने अपने आरोप में कौशल तिवारी नाम के एक व्यक्ति का खास तौर पर नाम लिया है. खिलाड़ियों से पैसे वसूलने का ऑडियो क्लीप भी सुनाया जा रहा है, जिसमें कौशल तिवारी द्वारा खिलाड़ियों से पैसे वसूलने की बात है. विधायकों के मुताबिक कौशल तिवारी बीसीए के अध्यक्ष राकेश तिवारी का घरेलू कर्मचारी है. उसे बीसीए का कर्मचारी बना कर मोटी सैलरी दी जा रही है. बीसीए के ऑफिस में एक पत्ता भी कौशल तिवारी की मर्जी के बगैर नहीं हिलता. विधायकों का आरोप है कि राकेश तिवारी के लिए कौशल तिवारी ही पैसे की वसूली करता है. 


बीसीए में भारी वित्तीय घोटाला

विधायकों का आरोप है कि बिहार क्रिकेट एसोसियेशन में बड़े पैमाने पर वित्तीय घोटाला किया जा रहा है. एसोसियेशन के एक खाते को फ्रीज कर दिया गया था. उसके बाद अध्यक्ष ने नया खाता खुलवा लिया और उसे अपने साइन से ऑपरेट करने लगे. जबकि किसी भी राज्य क्रिकेट एसोसियेशन में सचिव और कोषाध्यक्ष के साइन से बैंक खाते को ऑपरेट किया जाता है. बीसीए के बैंक खाते से करोडों करोड़ की अवैध निकासी की जा रही है. विधायकों का आरोप है कि पैसों का गबन करने के लिए बिहार क्रिकेट लीग का खाता खोला गया. उसमें गलत कागजात देकर बड़े पैमाने पर पैसे की अवैध निकासी की गयी.


जय शाह के नाम पर हो रही गड़बड़ी

बीसीए में बड़े पैमाने पर होने वाली गड़बड़ी पर विधानसभा में आवाज उठाने वाले विधायक डॉ संजीव कुमार ने कहा कि राकेश तिवारी बीसीसीआई के सेक्रेटी जय शाह की धौंस दिखा कर सारी गड़बड़ी कर रहे हैं. राकेश तिवारी खुद को जय शाह का पारिवारिक मित्र बताते हैं. तभी उनकी सारी गड़बड़ी छिप जा रही है. लेकिन विधानसभा की कमेटी की जांच में सारी कलई खुल जायेगी.


राकेश तिवारी बोले- निकृष्ट है मंत्री सुनील और विधायक संजीव

बिहार क्रिकेट एसोसियेशन पर लग रहे गंभीर आरोपों पर फर्स्ट बिहार ने बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी से बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सारा खेल मंत्री सुनील कुमार द्वारा रचा गया है. राकेश तिवारी ने दावा किया कि बिहार के मंत्री सुनील कुमार उन पर खिलाड़ियों के सेलेक्शन का दबाव डाल रहे थे. जब उनका काम नहीं हुआ तो सुनील कुमार ने ये सारी साजिश रची है. मंत्री सुनील कुमार निकृष्ट व्यक्ति हैं. 


राकेश तिवारी ने विधायक डॉ संजीव को भी जी भर के कोसा है. बीसीए के अध्यक्ष ने कहा कि डॉ संजीव खगड़िया जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हुआ करते थे. उनके पास समर्थन नहीं था तो उन्होंने हथियार के बल पर चुनाव जीतने की कोशिश की. लेकिन बीसीए ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी. इसके बाद विधायक डॉ संजीव बिहार क्रिकेट एसोसियेशन पर आरोप लगा रहे हैं. राकेश तिवारी ने कहा कि उनके खिलाफ पांच बार जांच हो चुकी है और उसमें कोई गड़बड़ी नहीं निकली. इस बार भी कुछ नहीं होने वाला है.