PATNA : नई दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक खत्म होने के बाद एक बार फिर से राहुल गांधी को पार्टी का कमान सौंपने की मांग उठने लगी है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के साथ-साथ बिहार के कांग्रेसी नेता भी चाहते हैं कि राहुल गांधी को ही कांग्रेस का कैप्टन बनाया जाये.
जीरो ऑवर कमिटी के अध्यक्ष और कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि बिहार कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता चाहते हैं कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से पार्टी का बागडोर थामे. बिहार कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष प्रेमचंद मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि "बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भी भावना यही है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालनी चाहियें."
गौरतलब हो कि प्रेमचंद मिश्रा का यह बड़ा बयान कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक संपन्न होने के ठीक बाद आया है. आपको बता दें कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव दिया है. बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत ने यह प्रस्ताव पारित किया कि राहुल गांधी को कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहिए, जिसे सीडब्लूसी के सभी सदस्यों का समर्थन भी मिला.
इससे पहले कर्नाटक विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने देश के एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में कहा कि "सोनिया गांधी और राहुल गांधी लोगों की पसंद हैं और जैसा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में होता है, उन्हें पार्टी की अगुवाई करनी चाहिए. सच्चाई यही है- केवल नेहरू-गांधी परिवार ही कांग्रेस को एकजुट रख सकता है. मेरे विचार में इसका मतलब ये नहीं है कि वंशवाद की राजनीति जारी रहनी चाहिए, लेकिन लोग चाहते हैं कि नेहरू-गांधी परिवार पार्टी की अगुवाई करे."
गौरतलब हो कि राहुल गांधी ने 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था. लेकिन 2019 में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया. राहुल के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के भीतर हंगामा खड़ा हो गया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन असफलता हाथ लगी. इसके बाद 19 सालों तक कांग्रेस का नेतृत्व करने वाली सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में लौटी और तब से वो इस पद की जिम्मेदारी संभाल रही हैं.