PATNA : कोरोना महामारी ने बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर संशय खड़ा कर दिया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने डिजिटल इलेक्शन की संभावनाएं जताई थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। हकीकत यह है कि विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक निर्वाचन आयोग की तरफ से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया है। विधानसभा चुनाव की तैयारी किसी भी राज्य में 5 से 6 महीने पहले शुरू कर दी जाती है लेकिन लॉकडाउन और कोरोना महामारी के कारण फिलहाल बिहार में यह संभव नहीं हो पाया है।
बिहार विधानसभा के चुनाव नवंबर महीने के आखिर तक पूरे हो जाने चाहिए लेकिन फिलहाल निर्वाचन आयोग की तरफ से इसको लेकर कोई तैयारी शुरू नहीं की गई है। मतदाता जागरूकता संबंधित काम से लेकर मतदाता सूची में सुधार का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया है। मतदाताओं का नाम जोड़े जाने, सुधार कराने या फिर हटाए जाने का काम चुनाव के कई महीने पहले शुरू हो जाता है लेकिन बिहार में अभी यह काम ठप्प है।
आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक जिस राज्य में चुनाव होने होते हैं वहां अन्य राज्यों से ईवीएम को लाया जाना। ईवीएम की फर्स्ट लेवल चेकिंग और उसके बाद उसके मेंटेनेंस का काम शुरू किया जाता है। यह सारी प्रक्रिया भी 4 से 5 महीने पहले शुरू कर ली जाती है लेकिन बिहार में अब तक की ईवीएम को लेकर भी आयोग की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में हर तरफ चुनाव को लेकर संशय की स्थिति है अब इंतजार इस बात का है कि चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कब स्पष्टता के साथ कोई दिशा-निर्देश जारी करता है।