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बिहार में स्कूल मालिकों को लगा झटका, नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिया गया बड़ा फैसला

1st Bihar Published by: Updated Fri, 18 Sep 2020 11:01:27 PM IST

बिहार में स्कूल मालिकों को लगा झटका, नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिया गया बड़ा फैसला

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PATNA :  बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. शुक्रवार को बिहार मंत्रिमंडल की मीटिंग में कुल 64 एजेंडों पर मुहर लगी है. इस बैठक में एक फैसला ऐसा भी लिया गया है, जिससे बिहार के प्राइवेट स्कूलों के मालिकों को झटका लगा है. राज्य के निजी  विद्यालयों के मालिकों की मनमानी अब नहीं चलने वाली है क्योंकि नीतीश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है.


बिहार विधान सभा चुनाव से पहले शुक्रवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में राज्य के अंदर स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं के सुरक्षित परिचालन को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं के संचालकों दिशा निर्देश जारी करने के लिए बिहार मोटर गाड़ी नियमावली 1992 के नियम 122 (2) और (3) के संशोधन पर मुहर लगी है.


नीतीश सरकार के इस बड़े फैसले से अब बिहार के स्कूल मालिकों को झटका लगा है. क्योंकि अब उनकी मनमानी नहीं चलने वाले है.  स्‍कूली बच्‍चों के हित में भी बड़ा फैसला लेते हुए स्‍कूल बसों और अन्‍य वाहनों में क्षमता से अधिक बच्‍चों को बैठाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. यानी कि स्कूली वाहनों में सीट से अधिक नहीं स्कूली बच्चों को बैठाने पर जुर्माना लगेगा.


बिहार सरकार के इस फैसले के मुताबिक न सिर्फ जुर्माना ही भरना पड़ेगा बल्कि नियम तोड़ने वाली स्कूलों और शिक्षण संस्थाओं की गाड़ियों का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जायेगा. सरकार ने जो फैसला किया है. उसके मुताबिक स्कूल बस और अन्य वाहनों में सीट की संख्या को लेकर बोर्ड भी लगाना होगा. इस फैसले के बाद अब स्कूल बसों में मौजूद सीटों से ज्यादा बच्चों को नहीं लिया जा सकेगा.


उधर चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका, मिनी आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के राज्य भत्ता में बढ़ोतरी की है. आंगनबाड़ी सेविका के राज्य भत्ता में 300 रुपये, मिनी आंगनबाड़ी सेविका के राज्य भत्ता में 230 रुपये और आंगनबाड़ी सहायिका के राज्य भत्ता में 150 रुपये की बढ़ोतरी की है.


अगले साल 1 अप्रैल से आंगनबाड़ी सेविका, मिनी आंगनबाड़ी सेविका और आंगनबाड़ी सहायिका के राज्य भत्ता में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा. सरकार के इस फैसले के बाद अप्रैल 2021 से आंगनबाड़ी सेविका को 1450, मिनी आंगनबाड़ी सेविका को 1130 और आंगनबाड़ी सहायिका को 725 रुपये राज्य भत्ता के रूप में दिए जायेंगे. बिहार सरकार के इस फैसले से राजकोष पर 60 करोड़ 6 लाख 93 हजार रुपये का खर्च बढ़ेगा.


मदरसा बोर्ड और संस्कृत बोर्ड के शिक्षकों के वेतनमान में 15 फीसद की वृद्धि की सौगात दी गई. तालीमी मरकज, शिक्षा सेवक, रसोइया, किसान सलाहकार, विकास मित्र के मानदेय में वृद्धि की गई. तालीमी मरकज के मानदेय में एक हजार रुपये प्रतिमाह का इजाफा किया गया। अब उन्‍हें 11 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे.


महादलित विकास मिशन में लगे विकास मित्रों और किसान सलाहकारों का मानदेय बढ़ा दिया है. इसके साथ-साथ रसोइयों के राज्य भत्ता में भी बढ़ोतरी की गई है. सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार महादलित विकास मिशन के संचालन में लगे वीएक्स मित्रों के वेतन में 1200 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. इसके आलावा वर्तमान में कर्मचारी भविष्य निधि खता में सरकार का अंशदान 1625 से बढाकर 1785 रुपये कर दिया गया है.


नीतीश सरकार ने किसान सलाहकार के मानदेय को भी बढ़ाया है. कैबिनेट की बैठक में किसान सलाहकार के मानदेय में 1000 रुपये की बढ़ोतरी पर मुहर लगी है. यानी कि अब किसान सलाहकारों को अगले साल 1 अप्रैल से 12000 रुपये की जगह 13000 रुपये हर महीने दिए जायेंगे. बिहार में रसोइयों के राज्य भत्ता में 150 रुपये की वृद्धि की गई है. अगले साल 1 अप्रैल से उन्हें हर महीने 1650 रुपये राज्य भत्ता के रूप में दिए जायेंगे.