PATNA: बिहार विधान परिषद में आज सूबे की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सत्तारूढ़ पार्टियों के सदस्यों के हमले से ही बौखलाये मंत्री मंगल पांडेय को बोलना पड़ा कि वे उस तरह के मंत्री नहीं हैं सदस्य जो आरोप लगा रहे हैं वह सही नहीं है। वह इस तरह का काम करने के लिए मंत्री नहीं बने हैं।
IGIMS की लचर हालत पर सवालों से मंत्री बौखलाये
दरअसल मामला पटना के IGIMS में स्वास्थ्य सेवा की लचर हालत का है। मंत्री मंगल पांडेय सत्तारूढ पार्टियों के विधान पार्षदों के सवालों पर ही बिफर गये। सदन में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस IGIMS अल्ट्रासाउंड जांच की रिपोर्ट में काफी देरी होने का मामला उठा। MLC संजीव श्याम सिंह ने मरीज किरण देवी के नाम का हवाला देते हुए बताया कि IGIMS में अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देने में 70 दिन लगाये जा रहे हैं। महिला ने सितंबर में जांच करायी थी लेकिन उसे रिपोर्ट देने के लिए नवंबर की तारीख दी गयी। जब जांच रिपोर्ट आने में ही 70 दिन लगेगा तो फिर इलाज क्या होगा।
संजीव श्याम सिंह ने जैसे ही ये मामला उठाया, जेडीयू के विधान पार्षद भी खड़े हो गये. गुलाम गौस और नीरज कुमार ने आईजीआईएमएस में की जा रही लापरवाही को बेहद गंभीर करार दिया. अपने ही गठबंधन के विधान पार्षदों को जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मरीजों की ज्यादा संख्या का दबाव होने के कारण देश भर के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में ऐसी स्थिति होती है. फिर भी सदस्यों ने इस मामले को उठाया है तो वह इसे दिखवायेंगे।
मैं ऐसा मंत्री नहीं हूं
मंत्री के जवाब से विधान पार्षद संतुष्ट नहीं हुए। संजीव श्याम सिंह ने कहा कि मंत्री जो जवाब दे रहे हैं वह टालने वाला है. इससे दोषी बच जायेंगे. अपने ही पाले के एमएलसी का आरोप सुनते ही मंगल पांडेय बिफर पड़े. उन्होंने सभापति को संबोधित करते हुए कहा- ये बात कार्यवाही से हटाई जाए. मैं उस तरह का मंत्री नहीं हूं. मैं किसी का बचाव करने के लिए मंत्री नहीं बना हूं. अगर किसी की गलती होगी तो उसे सजा दी जाएगी. इसके बाद मंगल पांडेय ने कहा कि वे पूरे मामले की जांच करायेंगे।